छत्तीसगढ़ में प्रत्याशियों का एलान करने में देरी क्यों कर रही है कांग्रेस और बीजेपी .....!
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं. वैसे-वैसे बीजेपी और कांग्रेस समेत तमाम पॉलिटिकल पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है.छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी और कांग्रेस में प्रत्याशियों की सूची को लेकर बवाल मचा हुआ है. छत्तीसगढ़ में कभी भी विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग सकती है, लेकिन कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है। इस मामले में भाजपा कांग्रेस से आगे है, क्योंकि उसने काफी पहले ही अपने 21 उम्मीदवारों के नाम का एलान रखा है। जहां एक ओर बीजेपी की तरफ से 21 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट आ चुकी है, वहीं कांग्रेस में टिकट को लेकर अभी भी मंथन जारी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस के अंदरुनी सर्वे में जो परिणाम आया है, वो चौकाने वाली है , उसके अनुसार पार्टी के 20-30 से ज्यादा विधायक हार सकते हैं. इसलिए कांग्रेस मौजूदा विधायकों के टिकट काटने का जोखिम उठाने की बजाय टिकट वितरण में देरी कर रही है. ऐसी खबर है कि कांग्रेस पार्टी इस बात को लेकर मंथन कर रही है कि आचार संहिता लगने के बाद बाद टिकटों की घोषिणा की जाए तकि मौजूदा विधायकों की नाराजगी का ज्यादा नुकसान पार्टी को ना उठाने पड़े.
दरअसल, बीजेपी ने अगस्त में अपनी पहली सूची जारी कर दी थी. पार्टी ने उन 21 सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी की, जहां उसे लगातार हार का सामना करना पड़ा है. इसके बाद अब दूसरी सूची के लिए बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में नाम फाइनल कर लिए हैं, लेकिन अब तक दूसरी सूची जारी नहीं की गई है. इसके पीछे कार्यकर्ताओं की नाराजगी को वजह माना जा रहा है. क्योंकि हाल ही में बीजेपी की वायरल हुई संभावित दावेदारों की लिस्ट पर जमकर विरोध हो रहा है.
कांग्रेस ने राज्य स्तर पर सभी 90 सीटों पर दावेदारों के नामों पर कई चरण में बैठक की है, लेकिन पार्टी प्रत्याशियों के नामों को तय नहीं कर पा रही है. क्योंकि उसके 90 में 71 विधायक हैं. सभी विधायकोंं को फिर चुनावी मैदान में उतारने का फैसला कांग्रेस के लिए आसान नहीं है. दूसरी तरफ लगभग सभी विधायकों के क्षेत्र से दूसरे कांग्रेसी दावेदारों ने टिकट के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. इसलिए एक नाम पर भी अब तक सहमति नहीं बनी है. इन सबके बीच टिकट वितरण और कार्यकर्ताओं के बवाल पर कांग्रेस और बीजेपी में सियासत भी जारी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने कांग्रेस की बहुप्रतीक्षित पहली सूची को लेकर कहा कि टिकट वितरण को लेकर अभी प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की सूची जारी करनी होती,तो अभी तक कर देते, किंतु अभी पितृपक्ष चल रहा है, कई लोगों की संवेदनाएं होती है कि पितृपक्ष के दौरान अपनाई जाने वाली रीतिनीति का पालन किया जाये, इसलिए कोई जल्दबाजी नहीं कर रहा है।
वहीं दूसरी अेार भाजपा की सूची वायरल होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कार्यर्ताओं का कहना है कि उन्हें ही मौका दिया जाए जो जीत सकें। लेकिन पार्टी अगर पैराशूट प्रत्याशियों को मौका देती है तो विरोध जारी रहेगा। वहीं इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित भाजपा की 50 प्रत्याशियों की सूची के बाद उपजे छिटपुट विवाद पर कांग्रेस ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस इसे भाजपा के भीतर मची अंदरूनी कलह का परिणाम बता रही है। वहीं कांग्रेस की सूची अभी तक जारी नहीं होने को लेकर भाजपा भी कांग्रेस पर हमलावर है।कांग्रेस की भी सूची इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के दावों पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस के विधानसभा उम्मीदवारों की कोई भी सूची जारी नहीं हुई है।