छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, संविदा और दैनिक भोगी कर्मियों का करें नियमितीकरण - CGKIRAN

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, संविदा और दैनिक भोगी कर्मियों का करें नियमितीकरण


 छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर में योजना एवं सांख्यिकी विभाग के संविदा कर्मियों को लेकर सुनवाई हुई. इस पर कोर्ट ने अहम आदेश दिया है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति बीडी गुरु की एकलपीठ ने योजना एवं सांख्यिकी विभाग कांकेर एवं रायपुर के संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के केस में सुनवाई की है. उसके बाद उनके नियमितीकरण का आदेश दिया है.  ये कर्मचारी 10 से 25 वर्षों से नियमित पदों पर कार्यरत हैं और आवश्यक शैक्षणिक योग्यता व अनुभव रखते हैं।

 अधिवक्ता सैय्यद इशहादिल अली ने इस केस में पूरी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति बीडी गुरु की एकलपीठ ने लोक निर्माण विभाग अंबिकापुर जिला सरगुजा के संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के बाद योजना एवं सांख्यिकी विभाग कांकेर एवं रायपुर के मामले में सुनवाई की है. कोर्ट ने उनके नियमितीकरण का आदेश दिया है. इस निर्णय से 10 से लेकर 25 साल से यहां कार्यरत कर्मचारियों को बहुत बड़ी राहत मिली है.

याचिकाकर्ता बृहस्पति त्रिपाठी, राजकुमार चोपड़ा, सनत कुमार, एवं कन्हैयालाल मानिकपुरी कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपने नियमितीकरण के लिए याचिका प्रस्तुत की थी।याचिकाकर्ता योजना एवं सांख्यिकी विभाग कांकेर एवं रायपुर के संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हैं। सभी कर्मचारी जिस पद पर कार्यरत हैं, उसकी शैक्षणिक योग्यता व अनुभव भी रखते हैं। सभी कर्मचारी नियमित पद के विरुद्ध कार्यरत है और इन्हें कार्य करते हुए 10 साल से अधिक का समय हो चुका है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सैय्यद इशहादिल अली ने याचिका प्रस्तुत की।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील सैय्यद इशहादिल अली ने याचिका प्रस्तुत की. जस्टिस बीडी गुरु की अदालत में तर्क प्रस्तुत किया. योजना एवं सांख्यिकी विभाग कांकेर एवं रायपुर के अधिवक्ता ने किसी नियमितीकरण हेतु नियम नहीं होने का तर्क रखा. जिस पर दोनों पक्षों की तर्क को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला सुनाया. सभी कर्मियों को 60 दिन के अंदर नियमित करने का आदेश पारित किया.

Previous article
This Is The Newest Post
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads