राजधानी के इस गणेश पंडाल की देशभर में हो रही चर्चा,
, 19 को विराजेंगे बप्पा
रायपुर में गणेश पूजा की तैयारियां जोरों से चल रही है. इस बार यहां के पंडाल को विशेष तौर पर अलग तरीके से बनाया जा रहा है.चंद्रयान तीन मिशन की सफलता को लेकर रायपुर में पंडाल तैयार किया जा रहा है. इस पंडाल के जरिए गणेशोत्सव में भारत के चंद्रमिशन की सफलता को दिखाया जाएगा. गणेश पर्व को मात्र एक दिन शेष रहने से विविध पंडालों में स्थल झांकी की तैयारी जोरशोर से की जा रही है। इस वर्ष पंडालों में जहां हनुमानजी के बालपन से लेकर लंका दहन के तक प्रसंग को प्रस्तुत किया जा रहा है।
वहीं विश्वभर में भारत का मान-सम्मान बढ़ाने वाले चंद्रयान अभियान की झांकी श्रद्धालुओं को लुभाएगी। इसके अलावा अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर, तिरुपति के प्रसिद्ध भगवान बालाजी मंदिर, कृष्ण लीला की झांकियां आकर्षण का केंद्र रहेंगी।
रायपुर के कालीबाड़ी में स्थित इस पंडाल को चंद्रयान 3 के मॉडल पर आधारित बनाया जा रहा है, और यहां के गणेश उत्सव समिति और कारीगर चंद्रयान की थीम पर काम कर रहे हैं। इस आकर्षक पंडाल का उच्चतम ऊंचाई और चौड़ाई 120 फीट और 70 फीट है, और यह एक रॉकेट की शक्ल में तैयार किया जा रहा है, जो कि चंद्रयान-3 से मेल खाता है। इस पंडाल को बनाने के लिए कोलकाता के 30 कारीगर दिन-रात काम कर रहे हैं, और यह पूरी तरह से बांस से तैयार किया जा रहा है। इस पंडाल को बनाने के लिए कोलकाता के तीस कारीगरों ने रात दिन काम किया गया है। जिसके बाद जाकर पूरा तैयार हुआ है। जो अब आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस चंद्रयान 3 की पंडाल का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और इस पंडाल को देखने के लिए लोग दूर दूर से आ रहे हैं रोजाना हजारों की संख्या मं लोगों की भीड़ देखी जा रही है।
तिरुपति बालाजी मंदिर
राठौर चौक से रेलवे स्टेशन जाने वाले मार्ग पर गंजपारा में तिरुमाला की पहाड़ी पर स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर पंडाल बनाया गया है। श्री विनायक गणेश उत्सव समिति के अध्यक्ष राहुल राय ने बताया कि बालाजी मंदिर पंडाल में भगवान गणेश की प्रतिमा भी बालाजी के स्वरूप में विराजित की जाएगी। 30 फीट ऊंचे पंडाल में पहाड़ी का नजारा और दीवारों पर चित्रों के माध्यम से चंद्रयान अभियान को प्रस्तुत किया गया है।
हनुमान लीला
राजधानी के सबसे पुरानी और प्रसिद्ध गुढ़ियारी पड़ाव इलाके में हनुमानजी की विविध लीलाओं को प्रस्तुत किया गया है। गुढ़ियारी गणेश उत्सव समिति के प्रकाश माहेश्वरी ने बताया कि झांकी में हनुमानजी के जन्म के पश्चात सूर्य को निगलने, माता सीता की खोज के लिए जाते समय समुद्र के ऊपर उड़ने और सुरसा के मुख से निकलने, सीना चीरकर श्रीराम-सीता की छवि को प्रस्तुत करती झांकी का निर्माण किया गया है। पंडाल में मिशन मून की सफलता को भी दिखाया गया है। 10 हजार फीट में झांकी का निर्माण दुर्ग के कलाकारों ने किया है। विशाल झांकी को देखने के लिए 20 मिनट का समय लगेगा।
अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर
गंजपारा में अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर की झांकी श्रद्धालुओं को लुभाएगी। श्रीश्री विनायक गणेश उत्सव समिति के संस्थापक सोनू राजपूत ने बताया कि झांकी में श्रीराम द्वारा रावण वध के पश्चात अयोध्या लौटने के दृश्य को पेश किया गया है। पंडाल में श्रीराम धुन की गूंज सुनाई देगी। आने वाले वर्ष में अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण होने की पूरी संभावना है, इसे देखते हुए श्रीराम मंदिर की थीम को महत्व दिया गया है।
इको फ्रेंडली प्रतिमाएं
राठौर चौक, गोलबाजार, सुंदर नगर, कुशालपुर, डंगनिया में किसानों के महत्व को दर्शाती झांकियां, श्रीकृष्ण लीला, समुद्र मंथन की झांकी तथा पर्यावरण को बचाने का संदेश देने के लिए इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं विराजित की जाएंगी।