छत्तीसगढ़ सरकार का महिलाओं की सुरक्षा पर बड़ा फैसला
छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन उससे पहले छत्तीसगढ़ सरकार कई अहम फैसले ले रही है। इस बीच भूपेश बघेल सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। महिलाओं से छेड़छाड़ और दुष्कर्म के आरोपियों को राज्य में सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। उल्लेखनीय है कि बीते 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को शासकीय नौकरी से प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अस्मिता बनाए रखना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने आदेश जारी कर दिया है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं से संबंधित अपराधों की रोकथाम के लिए प्रशासनिक, व्यावहारिक और विधिक कई स्तरों पर तत्परता से काम किया है। प्रदेश के 547 थानों, चौकियों में महिला सेल की स्थापना की गई है, ताकि पीड़ित महिलाएं निःसंकोच अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सकें। आदेश में कहा गया है कि ऐसे किसी भी अभ्यर्थी को सरकारी नौकरी के लिए चुना नहीं जाए। जिनके खिलाफ किशोरियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामले दर्ज हो। इसके अलावा उन लोगों की भी जांच की जाए, जिन पर भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 354, 376, 376क, 376ख, 376ग, 376घ, 509, 493, 496 और 498 व पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत मामले दर्ज हो।
आदेश का कड़ाई से पालन करने का दिया निर्देश
राज्य सरकार ने इस आदेश का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। आदेश में आगे कहा गया है कि कोई भी कैंडिडेट, जिसे महिलाओं के साथ किए गए किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है। वह सरकारी नौकरी के लिए मान्य नहीं होगा। इसके अलावा जिन उम्मीदवारों के खिलाफ कोर्ट में मामला विचाराधीन है, उस पर फैसले को तब तक के लिए लंबित रखा जाए।