छत्तीसगढ़ में आरक्षण ने अटकाई नौकरी, लाखों युवाओं के भविष्य पर मंडराया खतरा
प्रदेश में आरक्षण विवाद ने नौकरियां ही अटका दी हैं. छत्तीसगढ़ में लाखों युवा जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है, इनकी चिंताएं समय के साथ बढ़ती जा रही है, क्योंकि पिछले 6 महीने राज्य में सरकारी भर्तियां रुकी हुई है। आरक्षण विवाद के चलते परीक्षा को लेकर अब तक फैसला नहीं लिया जा सका है। व्यापमं द्वारा ली जाने वाली भर्ती प्रक्रिया में हर साल 11 लाख से अधिक अभ्यर्थी बैठते हैं। पीएससी और व्यापम के परीक्षाओं के रिजल्ट अटके पड़े हैं. छत्तीसगढ़ में 2023 पीएससी प्री एग्जाम का भी रिजल्ट जारी नहीं हुआ है. इसके पीछे का विवाद आरक्षण है, जिसके कारण नई भर्तियां नहीं हो रही और न ही हुई परीक्षाओं का कोई अता-पता है. व्यापमं के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार करीब तीन हजार से अधिक पदों को भरने के लिए अब तक 20 विभागों के प्रस्ताव मिल चुके हैं। युवाओं का कहना है कि सरकार सालों से आरक्षण और तमाम मामलों में उलझाकर भर्ती की जगह महज़ मामूली भत्ते से युवाओं को बरगलाने में लगी है। ऐसे में युवाओं की उम्मीदें इसी पर टिकी हुई हैं कि कब आरक्षण विवाद सुलझे और भर्ती प्रक्रिया शुरू हो। इसे लेकर कई अभ्यर्थी लगातार व्यापमं के चक्कर काट रहे हैं।
इस वजह से रुकी भर्तियां
19 सितंबर 2022 को बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य में 58 फीसदी आरक्षण को निरस्त कर दिया था. इसके बाद आदिवासी समाज ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. इसके बाद रोजाना सड़कों पर प्रदर्शन होने लगे, तब सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर 2 दिसंबर को राज्य में एसटी, ओबीसी और जनरल का आरक्षण बढ़ाने का विधेयक पारित किया. इसके बाद राज्य में आरक्षण 76 फीसदी हो गया, लेकिन तत्कालीन राज्यपाल अनुसुइया उईके ने इस विधेयक को मंजूरी नहीं दी. इसके बाद से पिछले 4 महीने से सरकार और राजभवन के बीच टकराव जारी है.
इस वजह से राज्य के लाखों युवाओं का भविष्य खतरें में है. युवाओं ने बताया कि बहुत सारी भर्ती परीक्षाएं हुई, लेकिन अब तक उसका रिजल्ट नहीं आया. इसमें CGPSC सिविल सर्विस 2022 के अंतिम रिजल्ट, छत्तीसगढ़ वनसेवा परीक्षा के साक्षात्कार, CGPSC 2022 के प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट, CGPSC AE 2021, आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर और चपरासी के रिजल्ट जारी नहीं हुए हैं. इसके साथ ही राज्य में सब इंस्पेक्टर की भर्ती प्रक्रिया पिछले 5 सालों से पूरा नहीं हुआ है.
लाखों युवा कर रहे तैयारी
सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं ने बताया कि CSEB के माध्यम से आयोजित जूनियर इंजीनियर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, स्टेनोग्राफर, स्टेनो टाइपिस्ट और विधानसभा सचिवालय के सहायक ग्रेड 3 आदि की भर्ती प्रक्रिया 2 महीने से अटकी है. इसके अलावा नई भर्तियों पर सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. युवाओं ने बताया कि छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग के सभी संभागों में सभी विषय के शिक्षकों, व्यायाम शिक्षकों, खेल शिक्षकों, कंप्यूटर शिक्षक, लाइब्रेरियन, कृषि शिक्षक, दिव्यांगों के लिए विशेष शिक्षकों, प्रयोगशाला शिक्षक के हजारों पद खाली है. उन सभी पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है.
इसके अलावा छत्तीसगढ़ के विभिन्न विभागों में जूनियर इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर, असिस्टेंट प्रोफेसर, रेवेन्यू इंस्पेक्टर, लेबर इंस्पेक्टर, पटवारी, अमीन, छात्रावास अधीक्षक, वन रक्षक, सहकारिता, होम गार्ड, सहायक पशु चिकित्सक क्षेत्र अधिकारी, पॉलीटेक्निक लेक्चरर, कृषि विभाग के विभिन्न पदों, पंचायत विभाग के ADEO सहित विभिन्न पद, सहायक ग्रेड 1,2,3 खाद्य विभाग के तकनीकी सहायक, स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न पद सहित सहित करीब 15 हजार पद वर्तमान में भर्ती के लिए उपलब्ध है.
युवाओं ने की भर्ती शुरू करने की मांग- सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहे युवाओं ने सरकार से आग्रह किया है कि जब तक आरक्षण के विषय पर कोई ठोस निर्णय न हो जाए तब तक सभी विभागों के विभिन्न पदों पर 50 फीसदी आरक्षण के आधार पर रोस्टर तय करके अगले 6 माह के अंदर सभी भर्ती प्रक्रिया पूरी कर नियुक्ति पत्र जारी किया जाए. युवाओं ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो हम आंदोलन करने के लिए विवश होंगे.
पक्ष-विपक्ष की राजनीति में पिसते देश के युवा- प्रदर्शनकारियों युवाओं ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ही विचार नहीं किया गया, तो सरकार को विधानसभा चुनाव में गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। युवाओं के अनुसार महज़ 2500 के बेरोज़गारी भत्ते से सरकार उनके रोज़गार का अधिकार खत्म नहीं कर सकती और नाही पुलिसिया बल प्रयोग से उनकी आवाज़ को दबा सकती है।
