छत्तीसगढ़ के इस प्रसिद्ध वाटरफॉल में वनवास के दौरान रुके थे भगवान राम - CGKIRAN

छत्तीसगढ़ के इस प्रसिद्ध वाटरफॉल में वनवास के दौरान रुके थे भगवान राम


 चित्रकोट जलप्रपात  छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर ज़िले में इन्द्रावती नदी पर स्थित एक सुंदर जलप्रपात है। यह बस्तर संभाग का सबसे प्रमुख जलप्रपात माना जाता है। गोदावरी की सहायक नदी इंद्रावती पर चित्रकोट नामक स्थान पर यह प्रपात भारत का विशालतम जलप्रपात है। अपनी गिरती विशाल जलराशि के कारण इसे भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है।  खासियत यह है कि बारिश के दिनों में यह रक्तिम लालिमा लिए हुए होता है तो गर्मियों की चांदनी रात में यह झक सफेद दूधिया नजर आता है। अलग-अलग मौकों पर इस जलप्रपात से कम से कम तीन और अधिकतम सात धाराएं गिरती हैं। जगदलपुर से समीप होने के कारण यह एक प्रमुख पिकनिक स्पाट के रूप में भी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है।  इस जल प्रपात की ऊँचाई 90 फीट है। छत्तीसगढ़ का चित्रकोट वाटरफॉल पूरे विश्व में अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है. इस वॉटरफॉल को भगवान राम से जुड़ी मान्यताएं भी है. ‘भारतीय नियाग्रा’ के नाम से प्रसिद्ध चित्रकोट प्रपात वैसे तो प्रत्येक मौसम में दर्शनीय है, परंतु वर्षा ऋतु में इसे देखना अधिक रोमांचकारी अनुभव होता है। घोडे की नाल समान मुख के कारण इस जल प्रपात को भारत का निआग्रा भी कहा जाता है। वर्षा में ऊंचाई से विशाल जलराशि की गर्जना रोमांच और सिहरन पैदा कर देती है।वर्षा ऋतु में इन झरनों की ख़ूबसूरती अत्यधिक बढ़ जाती है।

इस प्रसिद्ध चित्रकोट वाटरफॉल से श्री राम का इतिहास जुड़ा हुआ है. अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान राम कांकेर से होते हुए चित्रकोट वाटरफॉल पहुंचे और यहां भगवान शिव की आराधना कर शिवलिंग की स्थापना की थी. यह ऐतिहासिक मंदिर आज भी चित्रकोट में मौजूद है, जहां शिवरात्रि और रामनवमी के दौरान मेला लगता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार वनवास के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता बस्तर के रास्ते से गुजरते हुए दक्षिण भारत के भद्राचलम पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने बस्तर के चित्रकोट, तीरथगढ़ वाटरफॉल में समय भी गुजारा था और आज भी इन जगहों में भगवान राम के आने के प्रमाण मिलते हैं. इस मंदिर के शिलालेख में भगवान राम के वनवास से जुड़ी कहानी भी प्रदर्शित है. यहां ऋषि मुनियों के आश्रम में भगवान राम, सीता माता और लक्ष्मण ने अपना कुछ समय बिताया. इस दौरान यहां एक शिवलिंग की भी स्थापना की गई थी, जहां अब एक भव्य मंदिर बन गया. छत्तीसगढ़ सरकार ने चित्रकोट वाटरफॉल को राम वनगमन पथ से जोड़ा है और यहां टूरिज्म सर्किट भी बनाया जा रहा है."

छत्तीसगढ़ में बस्तर अंचल में जगदलपुर का 'चित्रकोट जलप्रपात' इतना मनमोहक और आकर्षक है कि इसे भारत का नियाग्रा कहने वालों की भी कमी नहीं है। बस्तर में वैसे तो जलप्रपातों की लंबी श्रृंखला है, चित्रकोट इनमें अनूठा है। टूरिज्म विभाग के मुताबिक यह देश भर में सबसे चौड़ा माना गया है।


ऐसे पंहुचा जा सकता है वाटरफॉल तक

जगदलपुर शहर से  करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर चित्रकोट वाटरफॉल है. इसके आसपास कई धार्मिक स्थल भी मौजूद हैं, जिसमें 11वीं शताब्दी का नारायणपाल मंदिर मुख्य आकर्षण का केंद्र है. चित्रकोट वाटरफॉल को देखने के बाद पर्यटक भगवान विष्णु के प्रसिद्ध नारायणपाल मंदिर को देखने जरुर जाते हैं.

इसके अलावा तीरथगढ़ वाटरफॉल भी बस्तर के प्रसिद्ध वॉटरफॉल में से एक है. जगदलपुर शहर से तीरथगढ़ वाटरफॉल की दूरी महज 40 किलोमीटर है. यहां पर भी पूरे साल पर्यटकों का जमावड़ा लगा होता है. तीरथगढ़ वाटरफॉल की ऊंचाई लगभग 120 फीट है, जो पर्यटकों को सम्मोहित और आकर्षित करती है. चित्रकोट वाटरफॉल देखने आने वाले पर्यटकों को तीरथगढ़ वॉटरफॉल की भी सैर जरुर करनी चाहिए. 

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