पीएमश्री स्कूल- स्कूलों में बदलेगा पढ़ाई का तरीका
छत्तीसगढ़ के स्वामी आत्मानंद स्कूलों को टक्कर देंगे पीएमश्री स्कूल
स्कूली बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर पीएम श्री योजना यानी प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया की शुरुआत की गई है. केंद्र सरकार की पीएमश्री (प्रधानमंत्री स्कूल फार राइजिंग इंडिया) योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने चुनिंदा 228 स्कूलों को पीएमश्री योजना में शामिल करने के लिए दावेदारी की है। पहले चरण में प्रदेश के 228 स्कूलों की अनुशंसा करके राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। ये वो स्कूल हैं जो कि पीएमश्री योजना के मानक पर 60 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। हर विकासखंड में कम से दो स्कूल पीएमश्री होंगे। इन स्कूलों में प्रति कक्षा मानक के हिसाब से यदि 40 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है तो 50 हजार हजार से अधिक विद्यार्थियों को उत्कृष्ट पठन-पाठन की व्यवस्था का लाभ मिल सकेगा।
राज्य सरकार प्रदेश के स्वामी आत्मानंद स्कूल को देशभर में नजीर बता रही है। स्कूल शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल अभिभावकों के सपने को पूरा कर रहे हैं। पीएमश्री स्कूल केंद्र सरकार की अच्छी पहल है। निजी स्कूलों की भांति अंग्रेजी माध्यम से उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से वर्ष 2020-21 में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय योजना प्रारंभ की है। वर्तमान में 247 अंग्रेजी माध्यम और 32 हिंदी माध्यम स्वामी आत्मानंद विद्यालयों में दो लाख 38 हजार 961 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इस वर्ष 101 नवीन स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोलने का प्रस्ताव है। इस योजना के लिए आठ सौ 70 करोड़ का प्राविधान है।
पीएम श्री स्कूलों में क्या होगा खास?
-इन स्कूलों में नवीनतम तकनीक, स्मार्ट क्लास, खेल और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
-पीएम श्री विद्यालय में सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित, प्रोत्साहित करने वाले शैक्षिक वातावरण में सीखने एवं अलग अनुभव प्रदान करने वाली अच्छी ढांचागत व्यवस्था एवं समुचित संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही गई है।
-इसमें स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाना तथा बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जाएगा। स्कूल ड्रॉप आउट में भी कमी लागने की कोशिश की जाएगी।
-ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने में मदद करेंगे और अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतरीन और अनुकरणीय स्कूल के रूप में सामने आएंगे।
-इन स्कूलों में प्रैक्टिकल, समग्र, एकीकृत, वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित पढ़ाई कराई जाएगी।
-ये शिक्षकों के लिए भी काफी अहम होगा। इनमें स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला आदि सभी सुविधाएं होंगी।
क्यों महत्वपूर्ण है पीएम श्री योजना?
-पीएम श्री एक समान, समावेशी और आनंदमय स्कूल वातावरण में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेगा, जो बच्चों की विविध पृष्ठभूमि, बहुभाषी जरूरतों और और विभिन्न शैक्षणिक क्षमताओं का ख्याल रखेगा और साथ ही उन्हें अपनी स्वयं की सीखने की प्रक्रिया में भी भागीदार बनाएगा।
-पीएम श्री के अंतर्गत स्कूल अपने-अपने क्षेत्रों के अन्य स्कूलों को मेंटरशिप प्रदान करके उसका नेतृत्व करेंगे।
-पीएम श्री स्कूलों को ग्रीन स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें सौर पैनल और एलईडी लाइट, प्राकृतिक खेती के साथ पोषण उद्यान, अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक मुक्त, जल संरक्षण और संचयन, पर्यावरण की सुरक्षा से संबंधित परंपराओं / प्रथाओं का अध्ययन जैसे पर्यावरण के अनुकूल पहलुओं को शामिल किया जाएगा।
-इन स्कूलों में अपनाई जाने वाली शिक्षा सामग्री अधिक अनुभवात्मक, समग्र, एकीकृत, खेल/खिलौना-आधारित (विशेषकर, मूलभूत वर्षों में) पूछताछ-संचालित, खोज-उन्मुख, चर्चा-आधारित, लचीली और मनोरंजक होगी।
-प्रत्येक क्लास में प्रत्येक बच्चे के सीखने की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाएगी। सभी स्तरों पर मूल्यांकन, वैचारिक समझ और वास्तविक जीवन स्थितियों में ज्ञान के अनुप्रयोग पर आधारित होगा और योग्यता आधारित होगा।
-प्रत्येक डोमेन के लिए उपलब्ध संसाधनों और उपलब्धता, पर्याप्तता, उपयुक्तता और उपयोग के संदर्भ में उनकी प्रभावशीलता और उनके प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों का आकलन किया जाएगा।
-रोजगार बढ़ाने और बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए क्षेत्र कौशल परिषदों और स्थानीय उद्योग के साथ जुड़ाव का पता लगाया जाएगा।
-इसके जरिए स्कूल गुणवत्ता आकलन ढांचा (एसक्यूएएफ) विकसित किया जा रहा है। मानकों को सुनिश्चित करने के लिए नियमित अंतराल पर इन स्कूलों का गुणवत्ता मूल्यांकन भी किया जाएगा।