आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका संघ की हड़ताल - CGKIRAN

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका संघ की हड़ताल

छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के द्वारा अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर दुर्गुकोंदल परियोजना की समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अपनी मांगों को लेकर 28 जनवरी 2023 से दुर्गूकोंदल के दुर्गा पंडाल स्थल में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी हैं । छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की ब्लॉक अध्यक्ष रीता वस्त्रकार ने बताया है कि छत्तीसगढ़ कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका को शासकीय कर्मचारी घोषित की जाए साथ ही सरकार द्वारा अपने जन घोषणापत्र में घोषित सभी शिक्षक पर उन्नयन और कलेक्टर दर पर विचार किया जाए। 

बीजापुर में पिछले 11 दिनों से अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर बेमुद्दत हड़ताल कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका संघ ने आज सड़क पर उतर कर अपनी ताकत दिखाई हैं। अब संघ की महिलाएं बुधवार को धरना स्थल में थाली- ताली बजाकर बजट की प्रतियां जलायेंगी।

प्रांतीय आह्वान पर 28 जनवरी से अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के 1147 आंगनबाड़ी केंद्रों की 2000 कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से इसका सर्वाधिक असर जिले भर के 60369 गर्भवती, शिशुवती व एनिमिक महिलाओं सहित सामान्य बच्चे,कुपोषित बच्चे व किशोरी बालिका पर पड़ रहा हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की महिलाओं ने बुधवार को जिला मुख्यालय में अपनी ताकत दिखाते हुए नगर में बड़ी रैली निकाली, जो नगर भ्रमण के बाद वापस धरना स्थल पहुंची। यहां धरना स्थल में संघ ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौपा।
ये हैं आंगनबाड़ी संघ की मांग
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित कर नर्सरी शिक्षक उन्नयन कर कलेक्टर दर पर वेतन दिया जाए।
आंगनबाड़ी सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर शत प्रतिशत व कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर शत प्रतिशत पदोन्नति देकर विभागीय सेवा भर्ती नियम में संसोधन किया जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रायमरी स्कूलों में प्रायमरी शिक्षक का दर्जा व वेतन दिया जाए।
मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के बराबर समान काम का समान वेतन दिया जाए, तथा क्रेस कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद पर समाहित किया जाए।
रिटायरमेंट के बाद कार्यकर्तओं को 5 व सहायिकाओं को 3 लाख रुपये एकमुश्त दिया जाए। साथ ही मासिक पेंसन ग्रेज्युटी व समूह बीमा योजना लागू किया जाए।
प्रदेश स्तर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए एवं पोषण ट्रेक व अन्य कार्य के लिए मोबाइल नेट चार्ज नहीं दिया जाता। तब तक मोबाइल पर कार्य का दबाव न दिया जाए।
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