छत्तीसगढ़
सरकार का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण देना नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है। इसके लिए विभाग द्वारा निरंतर नवाचार और प्रभावी कार्ययोजना आवश्यक है..छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के युवा अब अपने कौशल के दम पर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. यहां पारंपरिक ट्रेड और आधुनिक तकनीक का ऐसा संगम देखने को मिल रहा है, जिससे युवा न सिर्फ रोजगार पा रहे हैं बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं. जानिए कितने प्रकार के ट्रेड जन शिक्षण संस्थान युवाओं को मुहैया करा रहा है.जन शिक्षण संस्थान के निदेशक इदरीश खान ने बताया कि इस योजना के तहत 15 साल से 45 साल तक के लोग चाहे वे निरक्षर हों, नवसाक्षर हों, 10वीं या 12वीं पास हों या फिर गृहिणी, सभी को प्रशिक्षण देकर जीविकोपार्जन के योग्य बनाया जा रहा है संस्थान द्वारा तैयार किए गए दीयों और सजावटी वस्तुओं की बिक्री काफी उत्साहजनक रही. इसके अलावा, जड़ की लकड़ी से बने डाइनिंग टेबल और फर्नीचर जैसे उत्पादों को नया डिजाइन देकर बाजार में उतारा जा रहा है ताकि पारंपरिक और विलुप्त होती कलाओं को पुनर्जीवित किया जा सके.
कौशल प्रशिक्षण से बन रहे युवा आत्मनिर्भर संस्थान दे रहा रोजगार पाने का बेहतर मंच
Friday, November 7, 2025
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सरकार का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण देना नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है। इसके लिए विभाग द्वारा निरंतर नवाचार और प्रभावी कार्ययोजना आवश्यक है..छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के युवा अब अपने कौशल के दम पर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. यहां पारंपरिक ट्रेड और आधुनिक तकनीक का ऐसा संगम देखने को मिल रहा है, जिससे युवा न सिर्फ रोजगार पा रहे हैं बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं. जानिए कितने प्रकार के ट्रेड जन शिक्षण संस्थान युवाओं को मुहैया करा रहा है.जन शिक्षण संस्थान के निदेशक इदरीश खान ने बताया कि इस योजना के तहत 15 साल से 45 साल तक के लोग चाहे वे निरक्षर हों, नवसाक्षर हों, 10वीं या 12वीं पास हों या फिर गृहिणी, सभी को प्रशिक्षण देकर जीविकोपार्जन के योग्य बनाया जा रहा है संस्थान द्वारा तैयार किए गए दीयों और सजावटी वस्तुओं की बिक्री काफी उत्साहजनक रही. इसके अलावा, जड़ की लकड़ी से बने डाइनिंग टेबल और फर्नीचर जैसे उत्पादों को नया डिजाइन देकर बाजार में उतारा जा रहा है ताकि पारंपरिक और विलुप्त होती कलाओं को पुनर्जीवित किया जा सके.
फिलहाल जन शिक्षण संस्थान, नवापारा (बीटीआई के पीछे) में पंजीयन की प्रक्रिया चल रही है. यह प्रशिक्षण पूरी तरह निशुल्क है. इसके साथ ही, जनजातीय समुदाय के युवाओं के लिए एक अलग “ट्राइबल स्किलिंग सेंटर” की भी शुरुआत की गई है, जहां इच्छुक उम्मीदवार कभी भी आकर पंजीयन कर सकते हैं. इदरीश खान ने कहा कि हमारा उद्देश्य कम पढ़े-लिखे या बेरोजगार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें बैंकिंग व्यवस्था से जोड़कर रोजगार के अवसर प्रदान करना है. उन्होंने बताया कि आज कौशल विकास मंत्रालय की इस योजना से प्रदेश के हजारों युवा आत्मनिर्भर बन रहे हैं और रोजगार के नए अवसर प्राप्त कर रहे हैं
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