छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज़, 15 अगस्त से पहले साय मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना
छत्तीसगढ़ की साय सरकार में प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिल्ली दौरे और बड़े नेताओं से हुई मुलाकातों के बाद इस सप्ताह मंत्रिमंडल का विस्तार होने की प्रबल संभावना है।हालाँकि, अभी तक किसी भी बड़े नेता ने इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन दिल्ली से छनकर आ रही खबरों ने राज्य की राजनीति में सरगर्मी बढ़ा दी है। इस चर्चा को तब और ज्यादा बल मिल गया, जब पिछले दिनों दो दिवसीय दिल्ली दौरे से लौटने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने बयान में यह कहा था कि अब इंतजार खत्म होने वाला है और विस्तार जल्द हो जाएगा. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी अपने बयान में यह कहा था कि अब किसी को छटपटाने की जरूरत नहीं है.
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बढ़ती सरगर्मियों के बीच नामों को लेकर उथल-पुथल के हालात अब भी बरकरार हैं. इस बीच भाजपा संगठन के एक भरोसेमंद सूत्र ने अब तक चर्चाओं में रहने वाले नामों के उलट नए नाम की चर्चा छेड़ दी है. इन नामों में अंबिकापुर से विधायक राजेश अग्रवाल, आरंग से विधायक गुरू खुशवंत सिंह और दुर्ग के विधायक गजेंद्र यादव शामिल हैं. इससे पहले तक जिन नामों को लेकर चर्चा रही हैं, उनमें अमर अग्रवाल, गजेंद्र यादव, पुरंदर मिश्रा, राजेश मूणत जैसे विधायकों के नाम शामिल थे.
नए चेहरों को मिल सकता है मौका
इस बार के मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ चौंकाने वाले नाम सामने आ रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख नाम अंबिकापुर के विधायक राजेश अग्रवाल का है। पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव को हराकर चर्चा में आए राजेश अग्रवाल को खनिज मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। पहली बार विधायक बने राजेश अग्रवाल पहले कांग्रेस में थे और बाद में भाजपा में शामिल हुए थे। उन्हें सिंहदेव को हराने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसमें वे सफल रहे।राजनीतिक गलियारों में राजेश अग्रवाल को मंत्री बनाने के पीछे भाजपा की एक बड़ी और गोपनीय रणनीति मानी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे के सियासी समीकरणों को कांग्रेस के कुछ बड़े नेता भी समझने लगे हैं।
इनके अलावा आरंग से विधायक गुरु खुशवंत और भिलाई से गजेंद्र यादव का नाम भी मंत्रिमंडल की दौड़ में शामिल बताया जा रहा है। ये तीन नाम अचानक चर्चा में आए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि मंत्रिमंडल में नए और अप्रत्याशित चेहरों को जगह मिल सकती है।
कई बार टल चुका है विस्तार
गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाए जा चुके हैं, लेकिन हर बार यह टलता रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार की चर्चा में कितनी सच्चाई है और क्या इस सप्ताह छत्तीसगढ़ को नए मंत्री मिल पाएंगे।