जशपुर में आर्चरी अकादमी की स्थापना: आदिवासी युवाओं को मिलेगी पहचान
जशपुर खेल और खिलाड़ियों के लिए जाना जाता है. फुटबाल और तीरंदाजी जैसे खेल यहां की पहचान हैं. तीरंदाजी के क्षेत्र में जशपुर के कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. लंबे वक्त से जशपुर में तीरंदाजी का प्रशिक्षण केंद्र को स्थापित किए जाने की मांग होती रही है. सीएम विष्णु देव साय की पहल पर जल्द ही पंड्रापाठ में हाईटेक आर्चरी ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा. पंड्रापाठ जो तहसील सन्ना, विकासखंड बगीचा के अंतर्गत आता है वहां ये ट्रेनिंग सेंटर खुलेगा. ट्रेनिंग सेंटर के बनने से तीरंदाजी सीख रहे खिलाड़ियों को बड़ी मदद मिलेगी.
एनटीपीसी की ओर से कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के अंतर्गत इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 20.53 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है. ट्रेनिंग सेंटर के परिसर में तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र, छोटी लायब्रेरी, प्राथमिक चिकित्सा इकाई, कौशल विकास केंद्र, जैविक खेती के लिए छायादार नर्सरी का निर्माण भी किया जाएगा.
जड़ी-बूटियों का गार्डन बनाया जाएगा: परिसर में एक औषधीय उद्यान भी बनाया जाएगा. इस उद्यान मेंं जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों को लगाया जाएगा. इस परियोजना के लिए लगभग 10.27 एकड़ (लगभग 41,565 वर्गमीटर) भूमि का चयन स्थानीय प्रशासन के सहयोग से कर लिया गया है. सीएम साय ने कहा कि इस पहल से ग्रामीण प्रतिभाओं को खुद को निखारने का मौका मिलेगा और वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे.
परियोजना के लिए विस्तृत साइट लेआउट, 3-डी डिज़ाइन, भवनों की संरचना और प्रत्येक घटक की लागत का ब्योरा एक्सपर्ट लोगों के द्वारा तैयार किया गया है. मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया है कि इस नए पहल से न केवल खेल क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास के माध्यम से जशपुर जिले में विकास को भी गति मिलेगी.