विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग,मधेश्वर महादेव शिवलिंग रूपी पर्वत की गुफा में हैविराजमान
मधेश्वर महादेव एक विशाल चट्टानी पहाड़ी है, जिसे सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग माना जाता है, अपने विशाल आकार और सुंदरता से आपको आश्चर्यचकित करता है. इस शिवलिंग के ठीक सामने एक जलाशय भी है.जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखण्ड के मयाली गांव में स्थित मधेश्वर महादेव मंदिर शिवलिंगरूपी पर्वत में स्थित हैं.में एक दुनिया का सबसे विशाल प्राकृतिक शिवलिंग है.साल 1924 में स्थापित मधेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी चौथी पीढ़ी के रूप में यहां पूजा-अर्चना करवा रहे हैं. दर्शन के लिए यहां पहले सिर्फ प्रदेश भर से श्रद्धालु पहुंचते थे, लेकिन जब से इसे विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में ख्याति मिली है, पूरे देश से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. विशाल शिवलिंगरूपी पर्वत के दर्शन के लिए हर साल श्रावण महीने में श्रद्धालु कई किलोमीटर की मुश्किल यात्रा तय करके पहुंचते हैं .अपनी मनोकामना मांगते हैं. भक्तगणों का कहना है कि यहां जो भी मनोकामना मांगी जाती है वो पूरी होती है.मंदिर में श्रद्धालु तरह तरह की बीमारियों से परेशान होकर पहुंचते हैं और महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि मधेश्वर महादेव के दर्शन कर से पीड़ितों को बड़ी से बड़ी बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है. विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के आसपास सौंदर्यीकरण की मांग कई सालों से हो रही थी, जो हाल में सूबे के सीएम ने पूरी की है. सीएम विष्णुदेव साय ने स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करते हुए मधेश्वर महादेव मंदिर के लिए हाल में 40 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं, जिसकी पहली किश्त 10 करोड़ रुपए जारी भी कर दिया गया है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि की माधेश्वर महादेव को विकसित किये जाने से जिले में पर्यटन को उद्योग के रूप में आगे बढ़ाया जा सकता है. जिले मे राजपुरी, रानीदाह, बेने, गुल्लू, कोतेबिरा, कैलाश गुफा, दरावघाघ समेत एक दर्जन से अधिक जलप्रपात हैं. ठंड के मौसम में जशपुर में पारा न्यूनतम 1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और कई जगहों पर बर्फ की चादर बिछ जाती है. राम वन गमन के कई प्रमाण आज भी यहां मौजूद हैं. इन पर्यटन स्थलों में सिर्फ जिले भर के लोग आते हैं लेकिन माधेश्वर महादेव को विकसित किये जाने के बाद देश विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक जशपुर पहुंचेंगे, जो मधेसर महादेव के दर्शन के बाद जिले अन्य पर्यटन स्थलों पर जाएंगे जिससे जिले में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.