छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के जंगलों में प्रकृति के एक अद्भुत रहस्य का चमत्कारी दृश्य देखने को मिलता है. जब आसमान में बिजली चमकती है और बादलों की गड़गड़ाहट गूंजती है, तब धरती की गोद से एक अनोखा मशरूम जन्म लेता है. ‘सराई मशरूम’ के नाम से प्रसिद्ध यह जंगली उपज केवल विशेष परिस्थितियों में सरई पेड़ों के नीचे उगती है. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के घने जंगलों में पाई जाने वाली यह दुर्लभ जैविक खाद्य सामग्री अब धीरे-धीरे लोगों की थाली में जगह बना रही है और बाजारों में इसकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है, खासकर बिलासपुर जैसे शहरों में यह मशरूम स्वाद और सेहत के लिए बेहद पसंद किया जा रहा है. सराई मशरूम की पैदावार किसी सामान्य प्रक्रिया से नहीं होती. यह मशरूम तब उगता है, जब बारिश हो रही हो और वातावरण में बिजली चमकने के साथ गड़गड़ाहट हो. यह एक तरह का प्राकृतिक संकेत है, जो जमीन में दबे इसके बीज या कणों को सक्रिय कर देता है. सरई (शोरिया रोबस्टा) पेड़ के नीचे उगने वाला यह मशरूम कुछ ही घंटों में बाहर आ जाता है, इसलिए इसे जल्दी इकट्ठा करना पड़ता है.
कुदरत का चमत्कार बिजली की गरज से उगता है ये अनोखा मशरूम सराई
Monday, July 21, 2025
Edit
छत्तीसगढ़ के जंगलों में प्रकृति के एक अद्भुत रहस्य का चमत्कारी दृश्य देखने को मिलता है. जब आसमान में बिजली चमकती है और बादलों की गड़गड़ाहट गूंजती है, तब धरती की गोद से एक अनोखा मशरूम जन्म लेता है. ‘सराई मशरूम’ के नाम से प्रसिद्ध यह जंगली उपज केवल विशेष परिस्थितियों में सरई पेड़ों के नीचे उगती है. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के घने जंगलों में पाई जाने वाली यह दुर्लभ जैविक खाद्य सामग्री अब धीरे-धीरे लोगों की थाली में जगह बना रही है और बाजारों में इसकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है, खासकर बिलासपुर जैसे शहरों में यह मशरूम स्वाद और सेहत के लिए बेहद पसंद किया जा रहा है. सराई मशरूम की पैदावार किसी सामान्य प्रक्रिया से नहीं होती. यह मशरूम तब उगता है, जब बारिश हो रही हो और वातावरण में बिजली चमकने के साथ गड़गड़ाहट हो. यह एक तरह का प्राकृतिक संकेत है, जो जमीन में दबे इसके बीज या कणों को सक्रिय कर देता है. सरई (शोरिया रोबस्टा) पेड़ के नीचे उगने वाला यह मशरूम कुछ ही घंटों में बाहर आ जाता है, इसलिए इसे जल्दी इकट्ठा करना पड़ता है.
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के ग्रामीण परिवार इस मशरूम को बड़ी मेहनत से इकट्ठा करते हैं और फिर आसपास के शहरों, खासकर बिलासपुर में बेचने के लिए लाते हैं. बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिलती है क्योंकि लोग इसका स्वाद बेहद पसंद करते हैं. इसे पारंपरिक मसालों में पकाकर बनाया जाता है और यह व्यंजन विशेष मौकों पर घरों में परोसा जाता है.स्थानीय जनजातीय समुदायों का मानना है कि सराई मशरूम सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. यह पचने में आसान होता है और शरीर को ऊर्जा देने का काम करता है. हालांकि इस पर वैज्ञानिक शोध की अभी और जरूरत है लेकिन पारंपरिक ज्ञान के अनुसार यह मशरूम एक औषधीय खाद्य पदार्थ के रूप में भी जाना जाता है.
Previous article
Next article