सीएम साय ने कहा पूरा होगा मिशन, नक्सलवाद अब अंतिम सांसे ले रहा
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है। इसी बीच छत्तीसगढ़ के सीएम साय ने मंगलवार को कहा कि अब नक्सलवाद अंतिम सांसें ले रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जो संकल्प लिया है। वह संकल्प जरूर पूरा होगा। बता दें कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबल के जवान नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले अबूझमाड़ में घुसकर कार्रवाई कर रहे हैं।
सीएम साय ने कहा- नक्सलवाद अब अंतिम सांस ले रहा है। लगातार डेढ़ सालों से हमारे जवान मजूबती के साथ लड़ रहे हैं और डबल इंजन की सरकार का भी लाभ हो रहा है। हमारे देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने तो ठान ही लिया है कि अगले साल 31 मार्च तक नक्सलवाद को खत्म करना है।सीएम ने कहा- उनका सपना पूरा भी होगा, हमारे जवान बहुत मजबूती के साथ लड़ रहे हैं। अभी जो माओवाद के सबसे बड़े पोलित ब्यूरो के कमांडर थे उनको मार गिराया गया है। जवानों ने नक्सलियों के कई बड़े लीडरों को मार गिराया है। सीएम ने कहा कि माओवादी की कमर टूट गई है, निश्चत रूप से माओवाद का अंतिम समय आ गया है।
सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित गांवों में राज्य सरकार की नियद नेल्लनार योजना की सराहना की नक्सल प्रभावित इलाकों में नया सवेरा. "नियाद नेल्लनार योजना" दूरदराज के इलाकों में खुशहाली ला रही है. नियद नेल्लानार योजना एक व्यापक पहल है जो छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सामाजिक, आर्थिक, और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है. योजना बीजापुर, सुकमा, कांकेर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जैसे जिलों में लागू की गई है. इसका मुख्य लक्ष्य इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाना, शिक्षा, स्वास्थ्य, और आजीविका के अवसरों में सुधार लाना है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पूरे देश से नक्सलवाद के खात्मे के लिए 31 मार्च 2026 की डेडलाइन तय की है। अमित शाह, छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियनों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। इसके लिए वह कई बार राज्य का दौरा कर चुके हैं। अमित शाह बस्तर के उन इलाकों का भी दौरा कर चुके हैं जिन्हें नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। उन्होंने सुरक्षाबल के कैंप में जाकर जवानों से मुलाकात की थी।छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ तेजी से अभियान चल रहा है। नक्सल विरोधी अभियान में माओवादियों के कई बड़े लीडरों का एनकाउंटर किया गया है। इसके साथ ही राज्य में पड़े पैमाने में नक्सली माओवादी विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। बीते डेढ़ सालों में राज्य में 1521 नक्सलियों ने सरेंडर करके वह मुख्यधारा में लौटे हैं। उन्हें सरेंडर पॉलिसी के तहत लाभ दिया जा रहा है।