पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों पर गिरी गाज, कलेक्टर ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब - CGKIRAN

पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों पर गिरी गाज, कलेक्टर ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब


सीएम विष्णुदेव साय अंबिकापुर में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने मंगलवार को जिस वक्त पीएम आवास योजना में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनवा रहे थे, गरियाबंद जिले में इसी काम में लापरवाही बरतने पर 22 लोगों पर प्रशासनिक गाज गिरी। छुरा में योजना की समीक्षा के दौरान मकान बनाने में लेटलतीफी से नाराज कलेक्टर बीएस उइके ने लापरवाहों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इससे पहले सोमवार को भी गरियाबंद ब्लॉक में 11 जिम्मेदारों को नोटिस थमा चुके हैं। बता दें कि जिले में सितंबर 2024 के बाद 34 हजार से ज्यादा पीएम आवास मंजूर हुए। इनमें से अब तक 6822 मकान (करीब-करीब 20 प्रतिशत) ही बन पाए हैं। 80 प्रतिशत अधूरे हैं या काम ही शुरू नहीं हुआ। 4 दिन पहले सीएम साय ने महासमुंद में तीन जिलों (गरियाबंद, बलौदाबाजार और महासमुंद) के आला अफसरों की बैठक ली थी। तब पीएम आवास के मामलेे में गरियाबंद जिले का छत्तीसगढ़ में 20वां स्थान होने की बात सामने आई थी। हालांकि बाद में ग्रेड सुधरने के साथ 16वें पायदान पर पहुंचने का दावा किया जा रहा है। आंकड़े ऊपर-नीचे भी हों, फिर भी यह तो साफ है कि उस बैठक के बाद गरियाबंद प्रशासन ने पीएम आवासों को अपनी पहली प्राथमिकता में शामिल कर लिया है। ब्लॉकवार समीक्षा की स्ट्रैटजी अपनाते हुए कलेक्टर ने सोमवार को सबसे पहले गरियाबंद ब्लॉक में पंचायत सचिवों, रोजगार सहायकों और आवास मित्रों की बैठक ली। इसमें पता चला कि स्वीकृत 911 में से 295 यानी 32 प्रतिशत मकान ही बन पाए हैं। योजना में सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाले 11 पंचायतों के सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

कारण बताओ नोटिस जारी

मंगलवार को छुरा में समीक्षा के दौरान स्वीकृत 6,379 में से 1,459 यानी 22 प्रतिशत मकान पूरे होने की जानकारी मिली। लापरवाही पर 13 पंचायत सचिवों के साथ 3 रोजगार सहायकों, 5 तकनीकी सहायकों और एक विकासखंड समन्वयक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आज बुधवार को फिंगेश्वर ब्लॉक में बैठक होनी है। मंगलवार की बैठक में जिला पंचायत सीईओ जीआर मरकाम, अपर कलेक्टर नवीन भगत, एसडीएम नेहा भेड़िया आदि मौजूद रहे।

आवास 2.0 का सर्वे जारी, कल तक चलेगा

पिछले साल जिलेभर में जिन 34 हजार से ज्यादा आवासों को मंजूरी मिली, उसके हितग्राहियों का चयन 2011 की जनगणना और 2018 के सर्वे के मुताबिक किया गया था। आवास 2.0 के तहत और भी लोगों को मकान दिए जाने हैं। इसके लिए प्रशासन की ओर से सर्वे का काम जारी है, जो कल यानी 15 मई को खत्म होने जा रहा है। बता दें कि सुशासन तिहार के तहत भी सबसे ज्यादा आवेदन पीएम आवास के लिए ही मिलने की बात सामने आई है। आवेदनों की समीक्षा में यह भी पता चला कि आवास 2.0 के सर्वे में शामिल हो चुके लोगों ने सुशासन तिहार में भी आवेदन किया है।

नए प्रोजेक्ट में बाइक वालों को मकान के लिए मिल रही मंजूरी

पुराने सर्वे में पीएम आवास की पात्रता के लिए नियम कड़े थे। मसलन जिसके घर बाइक है, वह योजना के लिए पात्र नहीं है। आवास 2.0 में केंद्र ने नियमों में ढील देते हुए बाइक रखने वालों को भी पात्र माना है। इसके अलावा जिसके घर में कोई सदस्य 15 हजार रुपए/महीने कमाता हा,े 5 एकड़ असिंचित या ढाई एकड़ तक सिंचित जमीन हो, ऐसे सभी लोग भी आवास 2.0 के तहत योजना के लिए पात्र माने जाएंगे। अफसरों की मानें तो नियमाें में सरलीकरण के बाद बड़ी संया में लोगों को पीएम आवास का लाभ मिलने की उमीद है। 2028 तक योजना का शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने तगड़ी मॉनीटरिंग होगी। बीएस उइके, कलेक्टर, गरियाबंद: निर्माणाधीन पीएम आवासों की जियो टैगिंग पर जोर दे रहे हैं। इसका डेटा ऑनलाइन रहता है। किसी ने भी गड़बड़ी की, तो फौरन पकड़ में आ जाएगी। पूरी उमीद है कि चंद दिनों में बेहतर नतीजे दिखने लगेंगे।

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