बेल के फायदे और औषधीय गुण
बेल का प्रयोग कई तरह के कामों में किया जाता है। हिन्दू धर्म में भगवान शिव-पार्वती की पूजा के लिए बेल का उपयोग किया जाता है। अनेक लोग बेल का शर्बत भी बहुत पसंद से पीते है इसके अलावा भी बेल का इस्तेमाल कई कामों में किया जाता है, आयुर्वेद के अनुसार बेल के अनगिनत फायदे है, जिसके कारण इसे औषधि के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है।
बेल कई रोगों की रोकथाम कर सकता है तो कई रोगों को ठीक करने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है आप कफ- बात विकार बदहजमी, दस्त, डायबिटीज, ल्यूकोरिया, में बेल के फायदे ले सकते है, इसके अलावा पेट दर्द, हृदय विकार, पीलिया, बुखार, आंखों के रोग आदि में भी बेल का सेवन कर सकते हंै।
बेल के उपयोगी भाग:-
बेल के पत्ते, जड़, कच्चे फल, पके फल, जड़ की छाल, फल के छिलके
बेल का सेवन कैसे करेें?
30-100 मिली काढ़ा
3-5 ग्राम चूर्ण
10-20 मिली रस
अन्य भाषओं में बेल के नाम
संस्कृत - बिल्व शाडिल्य
हिन्दी - बेल, श्रीफल
उर्दु - बेल
ओडिय़ा - बेलो, बेलथाई
गुजराती - बाली
अंग्रेजी - बेलट्रीबेलफु्रट
अरेबिक - सफरजलेहिंदी
बेल के फायदे
सिर दर्द में फायदेमंद बेल का इस्तेमाल- बेल की सूखी हुई जड़ को थोड़े जल के साथ गाढ़ा पीस ले इसके पत्ते का पेस्ट बनाकर मस्तक पर लेप करने से सिरदर्द से आराम मिलता है।
आंखों के रोग में बेल का प्रयोग- बेल के पत्तों पर घी लगाकर आंखों को सेंकने से तथा साथ ही आंखों पर पट्टी बांधने से आंखों के रोगों से आराम मिलता है।
बहरापन दूर करने के लिए बेल का उपयोग:- बेल के कोमल पत्तों को स्वस्थ गाय के मूत्र में पीसकर इसे कानों में डालने से बहरापन एवं सनसनाहट, कानों की खूजली आदि समस्याएं दूर होती है।
बेल के गुण से चेचक की जलन से राहत- चेचक की बीमारी में जब शरिर में बहुत जलन और बेचैनी हो तो बेल पत्र के रस में मिश्री मिलाकर पीने से विशेष लाभ मिलता है।
मधूमेह या डायबिटीज मे बेल का उपयोग
रतौंधी में बेल का उपयोग लाभकारी है।