छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, 40 से लेकर 3000 रुपये तक सस्ती होगी शराब - CGKIRAN

छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, 40 से लेकर 3000 रुपये तक सस्ती होगी शराब


छत्तीसगढ़ में शराब की कीमतों में कटौती की गई है। रविवार को साय सरकार की कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने विदेशी शराब पर लगने वाले 9.5 फीसदी अतिरिक्त शुल्क को समाप्त कर दिया है। इस शुल्क को हटाने से विभिन्न रेंज की विदेशी शराब के फुटकर विक्रय दरों में लगभग 40 से 3000 रुपये प्रति बोतल तक की कमी आने की संभावना है। सरकार के इस फैसले में राज्य में शराब सस्ती होगी। शराब सस्ती होने से अवैध परिवहन पर रोक लगने की संभावना है। बजट पेश होने से पहले राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक रविवार को हुई। कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। रविवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में 2025-26 की आबकारी नीति 2024-25 की भांति रखने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही विदेशी शराब फुटकर दुकानों पर 9.5 प्रतिशत की दर से लगने वाले अतिरिक्त आबकारी शुल्क को समाप्त कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले से राज्य में शराब की कीमतों में कमी आएगी। हालांकि यह फैसला केवल विदेशी शराब की दुकानों पर ही लागू होगा।

 छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन के शराब क्रय के दर पर 9.5 फीसदी राशि के बराबर होता है उसे समाप्त कर दिया गया है। इस फैसले से विदेशी शराब, विशेष कर मीडियम रेंज और उच्च रेंज की शराब के फुटकर विक्रय दरों में कमी आएगी। जिससे अन्य प्रांतों से स्मगलिंग होने वाली शराब पर रोक लगेगी। 

पुरानी आबकारी नीति रहेगी लागू

आज साय कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि 2025-26 की आबकारी नीति 2024-25 की तरह ही होगी। आगामी वित्तीय वर्ष में 674 मदिरा दुकानें संचालित की जाएंगी और आवश्यकतानुसार प्रीमियम मदिरा दुकानें भी खोली जाएंगी। वहीं, देशी मदिरा की आपूर्ति पूर्ववत रेट ऑफर प्रभावी रहेगा। विदेशी मदिरा का थोक क्रय एवं वितरण छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। साथ ही, मदिरा पर लागू अधोसंरचना विकास शुल्क पहले की तरह ही लागू रहेगा।

शराब सस्ती करने से राजस्व पर पड़ेगा असर

सरकार के इस फैसले से राज्य को करीब 160 करोड़ रुपये का नुकसान होगा, लेकिन दूसरे राज्यों से जो शराब अवैध तरीके से आती है उस पर रोक लगेगी। वहीं, राज्य के उपभोक्ता को अब सस्ती दर पर अंग्रेजी शराब मिल जाएगी।

शराब तस्करी पर लगेगा विराम

राज्य सरकार का मानना है कि, रेट में अधिक असमानता ने राज्यों से तस्करी को बढ़ावा दिया है। हरियाणा, पंजाब और आसपास के राज्यों से शराब तस्करी के कई मामले सामने आए हैं। शराब तस्करों को यह फायदा कीमत में व्यापक अंतर की वजह से होता है।


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