बस्तर में सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता, मारे गए नक्सलियों पर था 1 करोड़ से अधिक का इनाम
छत्तीसगढ़ के बस्तर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। कुल 30 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। इसमें 7 टॉप कमांडर भी शामिल हैं। इन सभी पर कुल 1 करोड़ से अधिक का इनाम घोषित था। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में 20 मार्च को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 30 वर्दीधारी नक्सलियों में से खबर लिखे जाने तक 20 की पहचान हो सकी है। इनमें सात टॉप कमांडर हैं। जिनमें चार महिला कमांडर शामिल हैं। इस ऑपरेशन की बड़ी कामयाबी आठ-आठ लाख रुपए के इनामी सीतो कड़ती और लोकेश हेमला का मारा जाना है। इनकी तलाश काफी समय से की जा रही थी। यह दोनों बेहद खतरनाक थे। यह भोले-भाले नौजवानों को गुमराह करके नक्सल ग्रुपों में भर्ती करने का काम भी काम करते थे। इस अभियान में ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया।नक्सलगढ़ क्षेत्र की तस्वीर बदल रही है. नक्सल हिंसा और नक्सलियों की गतिविधि के कारण पिछले कई वर्षों से बंद पड़े गरपा, पुजारीकंकर और कोंडापल्ली सहित कई दूरदराज के गांवों में साप्ताहिक बाजार फिर से खुल गए हैं. विजय शर्मा ने कहा कि क्षेत्र में कम से कम 577 नए मोबाइल टावर लगाए गए हैं. जिससे लोगों को फायदा पहुंच रहा है.
इनमें सीतो बीजापुर ऑपरेशन में मारी गई। यह पश्चिम बस्तर डिवीजन की सबसे बड़ी कमांडर थी। जबकि लोकेश कांकेर ऑपरेशन में मारा गया। यह नक्सलियों की प्लाटून नंबर-1 के ए सेक्शन का कमांडर था। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी, डीआईजी दंतेवाड़ा रेंज कमलोचन कश्यप, एसपी बीजापुर डॉक्टर जितेंद्र कुमार यादव और सीआरपीएफ की कोबरा टीम के कमांडेंट अशोक कुमार ने बताया कि जिन 20 नक्सलियों की पहचान हुई है, सभी इनामी थे। इनके ऊपर आठ लाख रुपए से लेकर दो लाख रुपए तक का कुल एक करोड़ तीन लाख रुपए का इनाम घोषित था। बीजापुर में मारे गए 26 नक्सलियों में से 14 महिला नक्सली शामिल हैं। इससे पहले सुरक्षाबलों के नक्सलियों के खिलाफ किसी भी ऑपरेशन में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में महिला नक्सली नहीं मारी गई थी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि असल में नक्सलियों के पश्चिम बस्तर की बड़ी जिम्मेदारी महिला नक्सलियों ने ही संभाली हुई थी।
छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश में नक्सलवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है. सरकार आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों और हिंसा के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए कई पहल करेगी. हाल ही में स्वीकृत छत्तीसगढ़ नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत और पुनर्वास नीति-2025 के तहत, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को तीन साल तक मुफ्त आवास, भोजन और 10,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता मिलेगी.
सरेंडर करने वाले नक्सलियों के लिए कई योजनाएं
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों को छत्तीसगढ़ में कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जमीन और मकान आवंटित किए जाएंगे. साय सरकार की नक्सल उन्मूलन और नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत और पुनर्वास नीति-2025 में कई ऐसे उपाय किए गए हैं, जिससे सरेंडर करने वाले नक्सलियों को कई सुविधाएं मिलेंगी. सरकार 'एलवाड पंचायत अभियान' शुरू करेगी. इस अभियान में कई फायदे हैं. इसके तहत अपनी सीमा के अंतर्गत नक्सलियों के आत्मसमर्पण की सुविधा प्रदान करने वाली और खुद को माओवाद-मुक्त घोषित करने वाला प्रस्ताव पारित करने वाले ग्राम पंचायत को 1 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों की स्वीकृति मिलेगी. उन पंचायतों में मोबाइल फोन नेटवर्क और बिजली कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी.