प्रदेश सरकार ने नक्सल प्रभावित गांवों के लिए खोला खजाना, नक्सलमुक्त पंचायतों को मिलेंगे एक करोड़ रु
छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। अब सरकार ने नक्सली प्रभाव से मुक्त गांव के लिए खजाना खोल दिया है। सरकार ने एक नई योजना शुरू की है। जिसके तहत उस गांव के विकास के लिए एक करोड़ रुपये मिलेंगे। छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने विधानसभा परिसर में पिछले दिनों बीजापुर, कांकेर और नारायणपुर जिलों में 30 नक्सलियों के एनकाउंटर में मारे जाने पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब केवल सरकार और फोर्स ही नहीं बल्कि जनता भी नक्सलवाद के खात्मे के लिये पूरी तरह से तैयार है। राज्य सरकार नक्सलमुक्त पंचायतों (नक्सलमुक्त गांव) को विकास कार्यों के लिये एक करोड़ रुपये देगी। छत्तीसगढ़ में तेजी से हो रहे विकास कार्य यह बयां करता है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब शांति और समृद्धि का नया युग आने वाला है। साथ ही उन गांवों में बिजली और मोबाइल टावर भी लगाए जाएंगे। दरअसल, छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने यह घोषणा की है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई नक्सली सरेंडर करता है, तो उसे दोगुना इनाम मिलेगा। सरकार छत्तीसगढ़ से नक्सल को पूरी तरह खत्म करने की कोशिश कर रही है।
नक्सल मुक्त गांव को मिलेगा प्रमाण पत्र
विजय शर्मा ने 'एलवाड पंचायत अभियान' के बारे में बताया। इसके तहत ग्राम पंचायतें नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए मनाएंगी। सरकार इस पहल को बढ़ावा दे रही है। नक्सल मुक्त घोषित होने वाले गांवों को सरकार एक प्रमाण पत्र देगी। यह प्रमाण पत्र बताएगा कि अब वे गांव नक्सलियों से मुक्त हो चुके हैं।
सरेंडर करने वाले को मिलेगा दोगुना इनाम
उपमुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि कैबिनेट ने नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए एक नीति को मंजूरी दी गई है। अगर नक्सली एक साथ बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें दोगुना इनाम मिलेगा। इसके अलावा, शहीदों के परिवारों की समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा। यह काम रेंज के IG (Inspector General) करेंगे। हाल ही में शुरू की गई 'वीर बलिदानी योजना' के तहत, शहीदों की मूर्तियां लगाने के लिए 10 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
25 साल बाद बस सेवा शुरू
नक्सल के खिलाफ धीरे-धीरे मिल रही सफलता के बाद, अब लोग बिना डरे काम कर रहे हैं। जैसे कि अब वे बीजापुर से पामेड़ तक सीधे जा रहे हैं। पहले उन्हें तेलंगाना से होकर 200 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ता था। पामेड़ के लिए बस सेवा 25 साल बाद 2 मार्च को फिर से शुरू हुई। यह बस सेवा सात पंचायतों को जोड़ेगी, जिसमें दूर स्थित पामेड़ भी शामिल है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि यह गांव पहले सिर्फ तेलंगाना के रास्ते से ही पहुंचा जा सकता था। लेकिन अब यह सीधे बीजापुर मुख्यालय से जुड़ गया है।
30 साल बाद खुला बाजार
नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के गरपा गांव में 30 साल से बंद साप्ताहिक बाजार फिर से खुल गया है। नक्सलियों के डर से यह बाजार बंद हो गया था। अब इस बाजार में स्थानीय परिवार आ रहे हैं, जिन्हें जबरन विस्थापित कर दिया गया था। कोंडापल्ली में भी सेवाएं शुरू हो गई हैं। उपमुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 570 से ज्यादा मोबाइल टावर लगाए गए हैं।
वीरगति की स्मृति को सम्मान
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वीर बलिदानी योजना के तहत प्रारंभिक रूप से 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे शहीद जवानों की प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। इस योजना के तहत पंचायत विभाग के माध्यम से लगभग 500-600 प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी।