छत्तीसगढ़ के इस गांव में पहली बार पहुंची बिजली
बीजापुर जिले के सुदूर चिल्कापली गांव में 26 जनवरी को पहली बार बिजली पहुंची है। नक्सल प्रभावित इस गांव में आजादी के बाद अब तक प्रशासन बिजली पहुंचाने में सफल नहीं हो सका था, कभी नक्सलियों का विरोध तो कभी संसाधन की कमी इस काम में बाधा बनें। यह कदम गांव के लिए न केवल एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, बल्कि समग्र क्षेत्र के विकास की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस नक्सल प्रभावित गांव में अब तक बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। सडक़, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी सामान्य सुविधाएं भी यहां के निवासियों के लिए दुर्लभ थीं। ग्रामीणों ने कहा कि यह हमारे लिए एक नया अध्याय है। अब हमारे बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे और रातों को भी काम करने में आसानी होगी। बच्चे रात में पढ़ भी पाएंगे। यह तोहफा न केवल हमारे लिए, बल्कि आने वाली पीढय़िों के लिए भी एक वरदान साबित होगा। इसी तरह, अन्य ग्रामीणों ने भी इस कदम को ऐतिहासिक बताते हुए गांव के विकास की ओर बढ़ते कदम की सराहना की।
इस बारे में बात करते हुए बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा ने मीडिया में कहा कि आने वाले महीनों में आसपास के अन्य ऐसे गांवों जहां अब तक बिजली नहीं है वहां भी लाइट पहुंचाने की योजना है। चिल्कापली गांव का विद्युतीकरण छत्तीसगढ़ सरकार के उन प्रयासों का हिस्सा है, जिसके तहत इन गांवों को आवास, बिजली, पेयजल, सड़क, पुल और स्कूल जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करके एक ‘आदर्श गांव’ बनाया जाना है।
गांव के विकासकार्यों में आएगी तेजी
गांव के लोगों को उम्मीद है कि बिजली के आने से अब उनका गांव मुख्यधारा के साथ जुड़ सकेगा। इसके अलावा गांव में अन्य विकास कार्यों में भी तेजी आएगी। गांव में बिजली न होने पर जिन चीजों को करने में परेशानी होती थी अब वह नहीं होगी
क्षेत्रीय विकास में यह कदम बन सकता है प्रेरणा का स्रोत
चिल्का पली गांव का यह कदम न केवल यहां के निवासियों के लिए, बल्कि पूरे बीजापुर जिले और आसपास के क्षेत्रों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। यह साबित करता है कि कठिनाइयों के बावजूद, समर्पण और सही दिशा में प्रयास से किसी भी गांव का विकास संभव है। बीजापुर जिले में इस तरह के विकास कार्यों से अन्य गांवों को भी आगे बढऩे की प्रेरणा मिल सकती है, जो विकास की मुख्यधारा से अब तक दूर थे।