शराब के शौकीन ध्यान दें..!, अब APP बताएगा कहां मिलेगी शराब की सस्ती और पसंदीदा ब्रांड - CGKIRAN

शराब के शौकीन ध्यान दें..!, अब APP बताएगा कहां मिलेगी शराब की सस्ती और पसंदीदा ब्रांड

 


छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग ने मनपसंद ऐप लांच किया है. इस ऐप के जरिए यह जानकारी मिलेगी की ग्राहक के पसंद की शराब किस दुकान में मिल रही है और उसकी बिक्री कीमत कितनी है. आबकारी विभाग का दावा है इससे शराब प्रेमियों को काफी सुविधा होगी. छत्तीसगढ़ में आबकारी विभाग ने शराब के शौकीनों की सुविधा बढ़ा दी है. अब उन्हें अपनी मनचाही ब्रांड की शराब के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. दरअसल आबकारी विभाग ने एक APP लॉन्च किया है जिससे शराब प्रेमी अपनी पसंदीदा ब्रांड,कीमत और स्टॉक की लाइव जानकारी ले सकेंगे. इस एप का नाम है 'मनपसंद'( Manpasand App). इसे NIC द्वारा विकसित किया है. इसे गूगल प्ले स्टोर से किसी दूसरे एप की तरह डाउनलोड किया जा सकता है. इसके जरिए और राज्य की सभी सरकारी दुकानों में उपलब्ध ब्रांड्स, उपलब्धता और उनकी कीमत को खोज सकते हैं. कहां शराब सस्ती है उसका भी पता चल सकेगा.

 आबकारी विभाग ने इस APP को दो दिन पहले यानी बुधवार को लॉन्च किया था. नवा रायपुर के GST भवन में आबकारी विभाग की बैठक हुई थी. इस बैठक की अध्यक्षता आबकारी विभाग की सचिव आर शंगीता ने की. इसी में Android मोबाइल आधारित एप्लीकेशन ‘मनपसंद' लॉन्च किया गया. विभाग का दावा है कि इस एप के जरिए लोगों को न सिर्फ शराब खरीदने में सुविधा होगी बल्कि पारदर्शिता भी आएगी. इस एप के जरिए ग्राहक शराब की दुकानों में गड़बड़ी की भी शिकायत कर सकते हैं. सबसे बड़ी सुविधा ये होगी कि आपको अपने मनपसंद ब्रांड के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. इससे आपके समय की बचत भी होगी. सरकारी अधिकारियों का मानना है कि इससे अवैध शराब की बिक्री पर भी रोक लगेगी.हालांकि इस एप के लॉन्च के बाद से ही प्रदेश की सियासत भी तेज हो गई है.मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर तीखे आरोप लगाए हैं तो वहीं बीजेपी ने भी पिछली भूपेश बघेल सरकार की जमकर आलोचना की है.

ऐसे पता चलेगा कि किस दुकान पर ब्रांड शराब हैं

एप से यह पता चल जाएगा कि किस क्षेत्र की कौन सी शराब दुकान में कौन कौन से ब्रांड उपलब्ध हैं। वहां से खरीदी आसान होगी। बताया गया है कि शराब दुकानों में कई बार ऐसा भी होता है कि वहां के सेल्समैन कुछ खास ब्रांड को बढ़ावा देने की कोशिश में उनकी सेल में दिलचस्पी लेते है, कुछ ब्रांड को दबा दिया जाता है। अब ऐसा भी नहीं हो पाएगा।

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