छत्तीसगढ़ में किसानों का बढ़ा लाभ, साय सरकार के सुशासन ने बढ़ाई खुशहाली - CGKIRAN

छत्तीसगढ़ में किसानों का बढ़ा लाभ, साय सरकार के सुशासन ने बढ़ाई खुशहाली


पीएम नरेन्द्र मोदी की गारंटी छत्तीसगढ़ की जनता के लिए विश्वास, विकास और बदलाव की गारंटी के तौर पर स्थापित हो चुकी है। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार की किसान कल्याण की नीतियों से खेती में किसानों का लाभ बढ़ा है। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने कहा है कि राज्य में किसानों के लिए अब खेती करना घाटे का सौदा होने की बात इतिहास में दफन हो गई है. राज्य सरकार ने आध‍िकारिक आंकड़ों के हवाले से दावा किया है किखेती अब मुनाफे का सौदा बन चुकी है. इसके पीछे सरकार ने देश में धान की सबसे ज्यादा एमएसपी छत्तीसगढ़ में मिलने और गन्ना किसानों का शत प्रतिशत बकाया भुगतान होने को मूल वजह बताया है. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में धान के किसानों को उपज का सर्वाधिक मूल्य मिलना सुनिश्चित हुआ है. इसका लाभ राज्य में धान की खेती कर रहे 24 लाख 72 हजार से ज्यादा किसानों को हुआ है.

 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में कई अहम फैसले लिए गए हैं, जिनसे किसान परिवार अधिक सशक्त और फसल उगाने से लेकर उसे बेचे जाने तक की प्रक्रिया बेहद सरल हुई है। सरकार के परिवर्तनकारी निर्णयों से छत्तीसगढ़ देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है, जहां कृषकों को उनके धान का उच्चतम मूल्य मिल रहा है। कृषक उन्नति योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसानों को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद की गारंटी दी जा रही है। इस निर्णय से किसानों में उत्साह दिख रहा है। किसानों से अपना वादा निभाते हुए छत्तीसगढ़ में की विष्णुदेव साय की सरकार ने 25 दिसंबर 2023 को सुशासन दिवस के अवसर पर 13 लाख किसानों के बैंक खातों में बीते दो वर्ष का लंबित धान बोनस का 3,716 करोड़ रुपये का भुगतान किया।  किसानों को मिल रहे प्रोत्साहन का ही नतीजा है कि वर्ष 2023-24 में 24.75 लाख किसानों से समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया, जिसके बदले में उन्हें 31,913 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। 12 जनवरी, 2024 को धान के मूल्य की अंतर राशि के रूप में 24.75 लाख किसानों को 13,320 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी किया गया। 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय भी लिया गया, जिसके लागू होने से अब अन्य प्रदेश के मंडी बोर्ड या समिति के एकल पंजीयन, अनुज्ञप्तिधारी, व्यापारी एवं प्रसंस्करणकर्ता भारत सरकार द्वारा संचालित ई-नाम पोर्टल (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के माध्यम से अधिसूचित कृषि उपज की खरीदी-बिक्री बिना पंजीयन करवा सकेंगे, इससे छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों और विक्रेताओं को ज्यादा से ज्यादा मूल्य मिल सकेगा।

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