डुप्लीकेट आधार से बना राशनकार्ड, ई-केवाईसी में खुली पोल
छत्तीसगढ़ में राशनकार्ड सत्यापन के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। प्रदेश में राशन कार्ड सत्यापन के दौरान सामने आए आंकड़े चौंकाने वाले हैं. खाद्य विभाग सत्यापन के दौरान पाया है कि प्रदेश में फर्जी आधार कार्ड बनाकर उनसे राशन कार्ड बनाया गया है। ऐसे फर्जीवाड़ा कर राशन व अन्य सुविधाओं का लाभ उठाया जा रहा है। प्रशासन ने इसे लेकर जांच के निर्देश दिए हैं। वन नेशन वन कार्ड के तहत कराए गए ई-केवाईसी और आधार सत्यापन में पता चला है कि राजधानी में डुप्लीकेट आधार से राशन कार्ड बनवाने वालों का आंकड़ा 18 हजार से अधिक है। इसके बाद दुर्ग (8,809), सरगुजा (4,776), जशपुर (3,764), राजनांदगांव (3,551) और कोरबा (3,129) जैसे जिले सूची में प्रमुख हैं। शहरी प्रवास, बस्तियों की अधिकता और तेजी से हो रहे पंजीयन प्रमुख कारण हो सकते हैं।
बता दें कि जिन लोगों की जानकारी ई-केवाईसी में गलत मिली है, वह बीते पांच साल से चावल उठा रहे थे। छह सदस्यी परिवार में दो लोगों के नाम गलत मिल रहे हैं। अब जब सत्यापन किया जा रहा है तो ऐसे कार्डधारी सामने नहीं आ रहे हैं। विभाग को संदेह है कि ये राशनकार्ड गलत जानकारी देकर बनाए गए हैं।
खाद्य संचालनालय ने संबंधित जिलों को निर्देश दिए हैं कि इन राशन कार्डों की फिजिकल वेरिफिकेशन कर फर्जी सदस्यों को हटाया जाएगा। इस संबंध में जिला कलेक्टरों को विशेष टीम गठित करने को कहा गया है। फर्जी कार्डों के माध्यम से वर्षों से उठाए गए राशन की वसूली की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है। जिन राशन दुकानों या अधिकारियों की लापरवाही सामने आएगी, उनके विरुद्ध विभागीय जांच की तैयारी की जा रही है।
100 साल से अधिक उम्र के 1806 सदस्य
पूरे राज्य में 100 वर्ष से अधिक उम्र के 1,806 सदस्य राशन कार्ड में दर्ज हैं, जिनके नाम पर न केवल राशन उठाया गया बल्कि कई बार स्वास्थ्य और अन्य योजनाओं का भी लाभ लिया गया। बिलासपुर, सरगुजा, जशपुर और सक्ती में सबसे अधिक शतायु सदस्य चिह्नित हैं।
निष्क्रिय आधार पर भी जारी रहा सरकारी लाभ
रिपोर्ट में 1,05,590 निष्क्रिय आधार धारकों के नाम सामने आए हैं, जिन पर राशनकार्ड बने हैं। बिलासपुर (5,841), कवर्धा (8,701), जशपुर (5,681), रायपुर (9,356) जैसे जिलों में हजारों निष्क्रिय पहचान से राशन उठाया जा रहा था।
83 हजार से अधिक सदस्यों ने नहीं कराया सत्यापन
ई-केवाईसी में महिला के आधार नंबर में पुरुष का नाम लिखकर राशनकार्ड बनवाया गया। ऐसे ही जिन सदस्यों के नाम पर बोगस कार्ड बनाए गए है वही सत्यापन और ई-केवाईसी नहीं करा रहे हैं। प्रदेश 2,73,01,280 कुल सदस्य पंजीकृत हैं, जिनमें से 83,872 सदस्यों ने सत्यापन नहीं कराया।
विभाग को संदेह है कि ऐसे सदस्यों का नाम दर्ज है जिनका अन्य जिलों और प्रदेशों के राशनकार्ड में नाम पहले से लिखा चुके हैं। ऐसे राशनकार्ड की जांच विभाग ने शुरू कर दी है। मामले में फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।