मुसीबत में फंसे विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस के विधायक के निर्वाचन को चुनौती,
भिलाई नगर से कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव के निर्वाचन को चुनौती देने लगाई गई याचिका को उच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है। याचिका भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक व विधानसभा अध्यक्ष रहे प्रेमप्रकाश पांडेय ने लगाई थी। इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि 31 जुलाई निर्धारित है। बता दें कि जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे ने अधिवक्ता शैलेन्द्र शुक्ला और देवाशीष तिवारी के माध्यम से उच्च न्यायालय में एक चुनाव याचिका दायर की. इस याचिका में उन्होंने भिलाई निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में देवेंद्र यादव के चुनाव को चुनौती दी. याचिका में यह आरोप लगाया गया कि देवेंद्र यादव ने अपने आपराधिक इतिहास को छुपाया है.
प्रेमप्रकाश पांडेय द्वारा दाखिल इस याचिका में बताया गया है कि चुनाव आयोग प्रत्येक प्रत्याशी से शपथपत्र में आपराधिक और संपत्ति संबंधी मामलों की जानकारी मांगता है। लेकिन आयोग से जानकारी छिपाना प्रावधानों का उल्लंघन है। यदि कोई उम्मीदवार इस तरह की जानकारी छिपाता है, तो उसका निर्वाचन शून्य घोषित किया जा सकता है। देवेंद्र यादव ने जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन कर अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई है।
आपराधिक केस का भी शपथपत्र में जिक्र नहीं किया है। याचिका में यह भी तर्क दिया गया है कि विधायक देवेंद्र ने आयोग के दिशा निर्देश और जनप्रतिनिधित्व कानून का खुला उल्लंघन करते हुए संपत्ति के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाने का प्रयास किया है, उन्होंने साल 2018-2019 में अपनी आय दो लाख रुपये बताई थी। नामांकन पत्र जमा करते समय प्रस्तुत शपथ पत्र में भी अपनी दो लाख रुपये की आय होना बताया है।
इस चुनाव याचिका में जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों को ही प्रमुख आधार बनाया था। इस मामले में चुनाव आयोग को पक्षकार नहीं बनाया गया है। ज्ञात हो कि वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने प्रेमप्रकाश पांडेय और कांग्रेस ने देवेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया था। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव विजयी रहे। विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद प्रेमप्रकाश पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई।