छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण की निर्णायक लड़ाई, स्टार प्रचारकों का लगा रहा तांता - CGKIRAN

छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण की निर्णायक लड़ाई, स्टार प्रचारकों का लगा रहा तांता


चुनाव आयोग ने पिछले मार्च महीने में लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की। इसके बाद से सभी राज्यों में पार्टीयों ने चुनाव प्रचार की तैयारी शुरू कर दी थी। छत्तीसगढ़ में भी प्रचार-प्रसार तेज हुआ। छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को बस्तर में हुआ था। यहां भाजपा के महेश कश्यप और कांग्रेस की टिकट पर पूर्व मंत्री कवासी लखमा चुनावी मैदान में हैं। यहां 68.30 प्रतिशत मतदान हुआ। दूसरे चरण का मतदान राजनांदगांव, कांकेर और महासमुंद में हुआ। जहां राजनांदगांव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के साथ वर्तमान सांसद संतोष पांडेय से मुकाबला था। यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उम्मीद्वार बनने के बाद हाईप्रोफाईल हो गई थी क्योंकि इस क्षेत्र से भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी आते है और इसे भाजपा का गढ़ माना जाता है। छत्तीसगढ़ में पहले-दूसरे चरण चुनाव के बाद तीसरे चरण के प्रचार में राजनीतिक आक्रामकता इस कदर बढ़ी कि आमजन के मुद्दे गायब हो गए। भाजपा-कांगे्रस एक दूसरे के उपर ताने मारते रहे और तंज कसते रहे लेकिन स्थानीय मुद्दे किसी को भी याद नहीं रहे। कांग्रेस के नेताओं ने चुनावी मुद्दों से अधिक प्रधानमंत्री मोदी पर शब्दवाण छोड़े। भाजपा इन मुद्दों को चुनावी तरकश में सजाकर इन्हें रामबाण मानकर चल रही है। हालांकि पहले और दूसरे चरण से ही कुछ नेताओं ने मर्यादा की लक्ष्मण रेखा लांघना शुरू कर दी थी, मगर तीसरे चरण में तल्खी और बढ़ गई। खासकर कांग्रेस के नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ही निशाना बनाते दिखे।

लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने राम मंदिर निर्माण से लेकर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति, तीन तलाक के विरुद्ध कानून, नारी शक्ति वंदन अधिनियम और नागरिकता संशोधन अधिनियम जैसे ऐतिहासिक निर्णयों को उठाया। तो वहीं कांग्रेस के नेताओं ने भी कांग्रेस की पांच न्याय और 25 गारंटी मुद्दों से ज्यादा प्रधानमंत्री मोदी पर ही शब्दवाण छोड़े। कांग्रेस ने किसानों का कर्जा माफ, नया एमएसपी कानून, जातिगत जनगणना, आरक्षण में लगे 50 प्रतिशत की सीमा हटाने के मुद्दों को हवा दी।

भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं ने मोर्चा संभाला तो कांग्रेस से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मतदाताओं को साधने के लिए मशक्कत करती दिखीं। कांग्रेस की जहां छह बड़ी सभाएं हुईं हैं वहीं भाजपा ने स्टार प्रचारकों की सभाओं की कतार लगा दी। भाजपा ने कुल 17 बड़ी सभाएं की। राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार चुनावी बिसात में भाजपा-कांग्रेस के नेताओं द्वारा उछाले गए मुद्दे अब तीसरे चरण की सात सीटों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और सरगुजा के चुनाव में निर्णायक होंगी। तीसरे चरण का चुनाव सात मई याने कल होना है।

कांग्रेस के नेताओं ने चुनावी मुद्दों से अधिक प्रधानमंत्री मोदी पर शब्दवाण छोड़े। इनमें कांग्रेस नेता व नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत ने मोदी का सिर फोडऩे वाला आदमी चाहिए, जैसे बयान दिए। इस मामले में उनके खिलाफ राजनांदगांव में एफआइआर हुई। बस्तर में कांग्रेस के प्रत्याशी व पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने कह दिया कि लखमा जीतेगा, मोदी मरेगा। महंत और लखमा पर एफआइआर भी हुई।

लोकसभा के स्टार वार में भाजपा, कांग्रेस के मुकाबले कहीं अधिक आगे निकली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश में चार सभा के माध्यम से सात लोकसभा सीटों को साधने की कोशिश की। पहले चरण का चुनाव बस्तर लोकसभा क्षेत्र में हुआ था। मोदी की पहली सभा आठ अप्रैल को जगदलपुर से 40 किलोमीटर दूर छोटे आमाबाल में हुई थी। बस्तर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी विधानसभा में एक-एक सभा की थी। 23 अप्रैल को पीएम मोदी ने जांजगीर चांपा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सक्ती और महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के धमतरी में सभा की। 24 अप्रैल को पीएम मोदी ने अंबिकापुर में सभा की। वहीं कांग्रेस की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बस्तर में सभा की थी। राहुल ने महालक्ष्मी योजना में महिलाओं को एक लाख रुपये देने का मामला उठाया था। इसके साथ साथ स्थानीय नेताओं ने भी लगातार सभा की। अब कल होने वाले तीसरे चरण का चुनाव प्रचार खत्म हो गया है अब देखना यह है कि मोदी की गारंटी और कांग्रेस की नारी गारंटी योजना क्या रंग लाती है। 

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