छत्तीसगढ़ में राहुल गांधी ने खेला आदिवासी कार्ड, कांग्रेस सरकार में किसान कर्जमाफी पूरे देश में होगी लागू - CGKIRAN

छत्तीसगढ़ में राहुल गांधी ने खेला आदिवासी कार्ड, कांग्रेस सरकार में किसान कर्जमाफी पूरे देश में होगी लागू


छत्तीसगढ़ में अब लोकसभा चुनाव प्रचार अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। भाजपा के लिए चुनाव प्रचार कर चुके प्रधानमंत्री के बाद अब बड़े बड़े  भाजपा-कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं ने कमान संभाल ली है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने ताल ठोंका है। राहुल गांधी जगदलपुर में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पहली बार कांग्रेस की सरकार बनी तो हमने किसानों का कर्ज तुरंत माफ किया। ऐसा ही किसान कर्जमाफी योजना को पूरे देश में लागू होगी। इसे कांग्रेस के एक बड़े दांव के रूप में देखा जा रहा है। बस्तर की धरती से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस संबंध में ऐलान किया है।  छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के पहले फेज के लिए चुनाव प्रचार तेज हो गया है. इसी कड़ी में पिछले दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बस्तर पहुंचे थे और कवासी लखमा के लिए प्रचार किये. जगदलपुर के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आपके सामने चुनाव है और दो विचारधारा की लड़ाई है. संविधान को बचाने के लिए कांग्रेस लड़ रही है. राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासियों का हक जल, जंगल और जमीन है. भाजपा आदिवासियों को वनवासी कहती है. उनको उनके अधिकारों से दूर रखती है. बस्तर में कवासी लखमा के समर्थन में राहुल गांधी वोट मांगने पहुंचे. इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी जी ने आदिवासी शब्द और उसके मतलब को बदलने की कोशिश की है. आगे कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों को उनका हक दिया है. उनका सम्मान किया है। आदिवासियों का हक आरएसएस के लोगों ने छीना है. जंगल को खत्म करने की कोशिश भाजपा कर रही है. जब जंगल ही नहीं रहेगा तो आदिवासी कहां जाएंगे. क्या करेंगे। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से रोका गया क्योंकि वह एक आदिवासी हैं और यह भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की सोच को दर्शाता है.  बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार कवासी लखमा के समर्थन में रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, मोदी आदिवासी शब्द को बदलने की कोशिश कर रहे हैं. हम आपको 'आदिवासीÓ कहते हैं लेकिन वे 'वनवासीÓ शब्द का इस्तेमाल करते हैं. वनवासी और आदिवासी शब्दों में बहुत बड़ा अंतर है. आदिवासी शब्द का गहरा अर्थ है. यह शब्द जल, जंगल, जमीन पर आपके अधिकार को व्यक्त करता है. वनवासी का मतलब है जो जंगल में रहते हैं. उन्होंने कहा, बीजेपी ने आपकी जमीनें अरबपतियों को दे रही है. कांग्रेस के चुनावी वादे पर प्रकाश डालते हुए गांधी ने कहा, हम सत्ता में आते ही जाति जनगणना कराएंगे, यदि हम सत्ता में आए तो हम 30 लाख रिक्त सरकारी पदों पर भर्ती करेंगे, युवाओं के लिए प्रशिक्षण शुरू करेंगे और गरीब महिलाओं को प्रतिमाह 8500 रुपये देंगे.

उन्होंने कहा कि साल 2018  में छत्तीसगढ़ में जब हमारी सरकार बनी तो हमने प्रदेश के किसानों का कर्जा माफ किया था। उनसे समर्थन मूल्य पर धान खरीदा था। अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी, तो यही योजना देशभर में लागू करेंगे। किसानों का कर्जा माफ करेंगे। महिलाओं को सलाना एक लाख रुपये और युवाओं को रोजगार देंगे। अग्निपथ योजना बंद करेंगे। युवाओं को अप्रेंटिसशिप का अधिकार देंगे। इन्हीं वादों के सहारे कांग्रेस देश में लोकसभा चुनाव जीतना चाहती है। छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर कब्जा करना चाहती है। 

वहीं प्रदेश में दूसरी ओर विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा को मिली जीत और मोदी की गारंटी से भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है। विधानसभा में मिली शानदार जीत से भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा हुआ है। और छत्तीसगढ़ की सभी सीट जीतने का दावा कर रही है। शुरुआती दौर में छत्तीसगढ़ भाजपा के सुस्त रफ्तार के बाद बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के सीनियर नेताओं ने जिस तरह से विधानसभा चुनाव 2023 में छत्तीसगढ़ का मोर्चा संभाला था। प्रदेश में धुआंधार प्रचार किया था। ठीक उसी तरह लोकसभा चुनाव 2024 में भी बीजेपी यही क्रम दोहराना चाहती है। केंद्रीय नेतृत्व के नेता लगातार छत्तीसगढ़ में दौरा कर रहे हैं। बीजेपी के पक्ष में माहौल बना रहे हैं। इसलिए बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस से पहले ही एक ही चरण में 11 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों का एलान कर दी थी, जबकि कांग्रेस उसके बाद तीन बार में लिस्ट जारी की है। प्रचार-प्रसार के मामले में भी बीजेपी कांग्रेस से आगे चल रही है। बीजेपी चुनाव प्रभारी नीतिन नबीन मोर्चा संभाले हुये हैं। पीएम नरेंद्र मोदी बस्तर में तो राजनाथ सिंह दंतेवाड़ा और बालोद, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खैरागढ़ जिले में रविवार को ही चुनावी सभा कर चुके हैं। दूसरी ओर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ही बस्तर में चुनावी सभा हुई है।  

बीजेपी के केंद्रीय और स्थानीय नेता प्रदेश की सभी 11 की 11 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। बीजेपी प्रदेश में पूरी तरह से कांग्रेस का सफाया करने पर तूली हुई है। विगत दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की 11 में से 1 और 2 सीटें कब्जे में रही हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में दुर्ग से कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू चुनाव जीते थे बाकी 10 सीटों पर बीजेपी ने बाजी मारी थी। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस ने बस्तर और कोरबा का किला जीती थी। बस्तर से दीपक बैज, तो कोरबा से पूर्व केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत जीती थीं। यह जीत कांगे्रस को मोदी लहर होने के बाद मिली थी वैसे ही मोदी लहर के बाद भी ताम्रध्वज साहू जीते थे। अब देखना यह है कि इस बार मोदी की गारंटी और महतारी वंदन योजना क्या कमाल दिखाती है। इस बार बीजेपी पूरी तरह से मैदान खाली करवाना चाहती है। सभी 11 की 11 सीटों पर कब्जा करना चाहती है। वह फुल कॉफिंडेंस में है। हालांकि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी के रूप में सचिन पायलट छत्तीसगढ़ किले में मोर्चा संभाले हुए हैं, लेकिन कांग्रेस अपने ही अंदर भितरघात से जूझ रही है। पार्टी में सिर फुटौवल का सिलसिला जारी है। समय-समय पर लेटरबाजी कर पार्टी में बम फोड़ रहे हैं। इस बम के आवाज की गूंज उनके दिल्ली हाईकमान तक गूंज रही है। पार्टी इससे परेशान हैं और इसे तुरंत सुलझाने में ही लगी हुई है। तमाम तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। चुनाव से पहले नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने का दौर भी चल रहा है। पर अभी भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं का कांगे्रस छोड़ दूसरी पार्टी में जाना चल ही रहा है। यदि कांगे्रस इसे रोकने में नाकाम रहती है तो कहीं उसे इसका खामियाजा न भुगतना पड़ जाये।  दूसरी ओर पार्टी सख्त कदम उठाते हुए चुनाव छोड़ ऐसे नेताओं को बर्खास्त करने और अनुशासन का पाठ पढ़ाने में भी लगी हुई है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सामने ही मंच से अपनी भड़ास सुनाने से बाज नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान तक लेटर लिखकर पूर्व सीएम की शिकायत कर रहे हैं। भूपेश राज के कामकाज पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पू्र्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत का कहना है कि हम बीजेपी की तरह 400 प्लस सीटें जीतने का दावा नहीं करते हैं पर छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से 3 से 4 सीटे जीतने का पूरा प्रयास जरूर करेंगे। 

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