अब तक छत्तीसगढ़ से कितनी महिलाएं पहुंची संसद...?
महिलाओं को पूरा हक दिलाने वाली पार्टीयां क्या महिलाओं के बारे में सोचती है यह एक बहुत बड़ी विडंबना है कि पार्टियां सिर्फ महिला सशक्तिकरण की बात करती है और चुनाव आने पर तरह-तरह की वादे भी करती है लेकिन उनको उनका पूरा अधिकार कहां मिल पाता है..?, आधी आबादी में आज तक प्रदेश में सिर्फ 70 महिलाओं को ही पार्टियों ने टिकट दी है यह सोंचने वाली बात है। महिला सशक्तिकरण की बात भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही करती हैं. आधी आबादी को उनका हक देने और दिलाने का वादा भी करती हैं. लेकिन क्या इन दोनों पार्टियों ने अबतक कितनी महिलाओं को लोकसभा चुनाव में टिकट दिया. छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ. गठन के बाद से दोनों ही पार्टियों ने हार और जीत के लिए जातीय समीकरण के आधार पर ही टिकट महिलाओं को दिए हैं. जबकि यहां महिला वोटर पुरूष वोटर से ज्यादा है और जीत हार का अंतर भी महिलाओं के वोटों से ही होता है।
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से सभी पार्टियों के आंकड़ों को मिलाएं तो अबतक 70 महिलाओं को पार्टियों ने टिकट दिया है. 70 महिलाओं में से सिर्फ 7 महिलाएं अपनी सीट जीतने में कामयाब रही हैं. यूं कहें कि छत्तीसगढ़ से अबतक सिर्फ सात महिला सांसदों ने देश की संसद में छत्तीसगढ़ की आवाज बुलंद की है.
यदि प्रदेश में आंकड़ों की बात की जाये तो कांग्रेस से बीजेपी बेहतर है। छत्तीसगढ़ में महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटरों की अपेक्षा अधिक है. लगातार सियासी दल महिला वोटरों को साधने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने में जुट गए हैं. चुनाव में महिलाओं की भागीदारी की बात की जाए तो वह काफी कम नजर आती है. आंकड़ों और जानकारी के मुताबिक भाजपा कांग्रेस सहित निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लगभग 70 महिलाओं ने लोकसभा का चुनाव लड़ा. चुनाव में 63 महिला उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा, वहीं सात महिलाओं ने जीत हासिल की. पार्टी के हिसाब से बात करें तो बीजेपी की छह महिला प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की. कांग्रेस की ओर से सिर्फ ज्योत्सना महंत ने कोरबा सीट से 2019 में जीत हासिल की. बाकी जितने भी कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार उतारे सबकी जमानत जब्त हो गई.
देश में हुए पिछले लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो छत्तीसगढ़ में भाजपा ने दो सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारा था, जिसमें सरगुजा और रायगढ़ की लोकसभा सीट शामिल थी. सरगुजा क्षेत्र से भाजपा ने रेणुका सिंह को और रायगढ़ से गोमती साय को टिकट दिया था. दोनों ने जीत दर्ज की. वहीं छत्तीसगढ़ कांग्रेस की बात की जाए तो कांग्रेस ने भी पिछले लोकसभा चुनाव में दो महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा. प्रदेश में कांग्रेस ने कोरबा से ज्योत्सना महंत और दुर्ग से प्रतिमा चंद्राकर को टिकट दिया. कोरबा से ज्योत्सना महंत जीतीं जबकी प्रतिमा चंद्राकर बड़े मतों के अंतर से हार गईं.
वहीं छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने कांग्रेस से ज्यादा महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है. भाजपा की ओर से तीन सीटों पर महिला उम्मीदवारों को टिकट मिला है. बीजेपी ने महासमुंद से रूप कुमारी चौधरी, कोरबा से सरोज पांडे और जांजगीर-चांपा से कमलेश जांगड़े को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने दो महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. कोरबा से ज्योत्सना महंत और सरगुजा से शशि सिंह का नाम शामिल है.
यदि छत्तीसगढ़ की बात की जाये तो यहां टोटल 11 लोकसभा की सीटें हैं. सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवार जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट से जीतीं हैं. राज्य बनने के बाद से लेकर अब तक हुए चार लोकसभा चुनाव में इस सीट से तीन महिला सांसद चुनी गई हैं. जांजगीर चांपा सीट पर लगातार भाजपा ने जीत हासिल की है. पिछली बार अजगले को छोड़ दें तो यहां से करुणा शुक्ला एक बार और कमला पाटले दो बार भाजपा से जीत चुकी हैं.