छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ गठन के बाद प्रदेश में अब तक चार बार लोकसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। इन चुनावों में अब तक 70 महिलाएं चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं। इनमें केवल छह महिलाओं की ही किस्मत चमकी और सांसद बनने की मौका मिला। भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियों के अलावा क्षेत्रीय पार्टियों से भी महिलाएं चुनाव लड़ चुकी हैं। इतना ही नहीं, कुछ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी चुनावी रण में ताल ठोंक चुकी हैं मगर मतदाताओं ने राष्ट्रीय पार्टियों के नेत्रियों पर ही भरोसा जताया है। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में कुल 166 प्रत्याशी मैदान में रहे। इनमें 23 महिलाएं, 55 निर्दलीय रहे और तीन महिलाएं ही सांसद बन पाईं।
छत्तीसगढ़ में दो दशक में चुनावी मैंदान में छह महिलाओं की चमकी किस्मत
Friday, March 8, 2024
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छत्तीसगढ़ गठन के बाद प्रदेश में अब तक चार बार लोकसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। इन चुनावों में अब तक 70 महिलाएं चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं। इनमें केवल छह महिलाओं की ही किस्मत चमकी और सांसद बनने की मौका मिला। भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियों के अलावा क्षेत्रीय पार्टियों से भी महिलाएं चुनाव लड़ चुकी हैं। इतना ही नहीं, कुछ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी चुनावी रण में ताल ठोंक चुकी हैं मगर मतदाताओं ने राष्ट्रीय पार्टियों के नेत्रियों पर ही भरोसा जताया है। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में कुल 166 प्रत्याशी मैदान में रहे। इनमें 23 महिलाएं, 55 निर्दलीय रहे और तीन महिलाएं ही सांसद बन पाईं।
राज्य गठन के बाद अब तक जो महिलाएं छत्तीसगढ़ से सांसद बनीं उनमें करुणा शुक्ला, सरोज पांडेय, कमला देवी पाटले, ज्योत्सना महंत, रेणुका सिंह, गोमती साय शामिल हैं। अभी भाजपा की ओर से तीन महिलाएं चुनावी मैदान में हैं। इनमें कोरबा से सरोज पांडेय, जांजगीर-चांपा से कमलेश जांगड़े और महासमुंद से रूप कुमारी चौधरी चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस भी तीन से चार सीटों में महिलाओं को उतारने की तैयारी कर रही है।
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