बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही लड़ेगी चुनाव - CGKIRAN

बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही लड़ेगी चुनाव


छत्तीसगढ़ में चुनावी बिगुल बज चुका है। विधानसभा चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान हो चुका है। पीएम नरेंद्र मोदी के तीसरे छत्तीसगढ़ दौरे से यह पूरी तरह से साफ हो गया कि छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ेगी। चुनाव आयोग द्वारा जिन पांच राज्यों में आज चुनाव का ऐलान हुआ उनमें से तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान की चुनावी जंग में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखा जा रहा है, जबकि तेलंगाना में त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। इस बार तेलंगाना में बीआरएस, कांग्रेस और भाजपा के बीच चुनावी संघर्ष होगा। अबकी बार भी मोटे तौर पर राज्य में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है लेकिन छोटे और स्थानीय दल राष्ट्रीय पार्टियों का खेल किस स्तर तक प्रभावित करते हैं यह देखना भी दिलचस्प होगा। 

बात छत्तीसगढ की करें तो वर्ष 2018 के पूर्व छत्तीसगढ़ में भाजपा लगातार तीन बार सत्ता में रही थी। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने रमन सिंह से राज्य की गद्दी छीन ली थी। इसलिए भाजपा इस बार चुनावी जनादेश अपने पक्ष में करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।

बात मध्य प्रदेश  की करें तो सत्ताधारी भाजपा और प्रमुख रूप से चुनौती देती कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई की संभावना है। डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय तक लगातार सत्ता पर काबिज रहने के बाद पिछले चुनाव में भाजपा को शिकस्त मिली थी, लेकिन जोड़ तोड़ के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की सरकार गिराकर खुद सत्ता हथिया ली। कमलनाथ की अगुवाई वाली सरकार अपने विधायकों की खरीद फरोख्त पर काबू नहीं रख सकी। लिहाजा राज्य में फिर शिवराज सिंह चौहान की सरकार कुर्सी पर काबिज हो गई।

पीएम नरेंद्र मोदी के तीसरे छत्तीसगढ़ दौरे से यह पूरी तरह से साफ हो गया कि छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ेगी। यानी पार्टी सीएम का चेहरा घोषित किए बगैर ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी। तीनों चुनावी राज्यों (छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान) में सीएम का फेस घोषित किए बिना ही सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। पीएम ने छत्तीसगढ़ के  बिलासपुर के सीपत रोड स्थित साइंस कॉलेज ग्राउंड में बीजेपी की परिवर्तन रथयात्रा के समापन पर पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है।  प्रधानमंत्री मोदी ने बिलासपुर में कहा कि हमारा संगठन बहुत मजबूत है। छत्तीसगढ़ बूथ-बूथ पर हमारा नेटवर्क है। जब तक हर बूथ पर कमल नहीं खिलेगा तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे और एक-एक मतदाता से मिलेंगे। यानी पीएम ने भाजपाइयों को उनका विजन भी साफतौर पर बता दिया। बीजेपी इस चुनाव में जहां-जहां केंद्रीय योजनाओं की सफलता गिनाएगी। वहीं पूर्व सीएम रमन सिंह के 15 साल के विकास कार्यों को भी बताएगी।

पहले भी बिना सीएम फेस के चुनाव लड़ चुकी है बीजेपी

वर्ष 2003 में भी छत्तीसगढ़ बीजेपी से सीएम का कोई चेहरा नहीं था। चुनाव के बाद भाजपा जीती तो दिल्ली से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आर्शीवाद मिला और डॉ. रमन सिंह प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री बने। इसी तरह वर्ष 2017 में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा था और वहां पर पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनी थी। वर्ष 2014 के बाद हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र में भी बीजेपी ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए बिना ही जीत हासिल की थी। इसके अलावा असम में सर्वानंद सोनोवाल के सीएम रहते हुए सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। त्रिपुरा में भी यही समीकरण लागू रहा और पार्टी को इसका फायदा भी मिला।



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