विधानसभा चुनाव के लिये बसपा और गोंगपा ने मिलाया हाथ, कांग्रेस और बीजेपी को हराने का किया दावा, 90 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आते जा रहा है भाजपा कांग्रेस के साथ साथ अन्य पार्टी भी सक्रिय होते नजर आ रहे है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सियासी खिचड़ी पकने का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस बीजेपी के अलावा अब अन्य दलों ने भी अपनी चुनावी रणनीति को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है. सोमवार को बहुजन समाज पार्टी(बीएसपी) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने गठबंधन का ऐलान कर दिया है. विधानसभा चुनाव कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ में होने हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बसपा और गोंगपा के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है. दोनों दलों ने आपसी सहमति कर सीटों का बंटवारा किया है. बहुजन समाज पार्टी ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के साथ मिलकर प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.छत्तीसगढ़ में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने गठबंधन किया है। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम ने बताया कि राज्य की 90 सीटों में से 53 सीटों पर बसपा और 37 सीटों जीजीपी चुनाव लड़ेगी। पार्टी के मेनिफेस्टो में जल, जंगल और जमीन मुख्य मुद्दा रहेगा. आगे उन्होंने कहा कि अगर पार्टी चुनाव जीतकर आती है तो किसी आदिवासी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी गठबंधन की पहली सूची १-२ दिन में जारी कर दी जाएगी.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक ऐसे में बसपा और जीजीपी का गठबंधन सत्ताधारी दल कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं। बता दें कि बसपा ने 2018 का विधानसभा चुनाव जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जे (जेसीसी-जे) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के साथ गठबंधन में लड़ा था। बसपा ने 2018 में 35 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उनमें से जांजगीर-चांपा जिले के जैजैपुर और पामगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी। 28 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। बसपा की सहयोगी जेसीसी(जे) को पांच सीटें मिलीं थी। चुनाव में बसपा को 3.87 फीसदी वोट मिले थे। छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाके में निवास करने वाली अनुसूचित जाति बहुल इलाके में बसपा का काफी प्रभाव है। वहीं, जीजीपी को बिलासपुर और सरगुजा क्षेत्र के कुछ आदिवासी बहुल हिस्सों समर्थन में मिला था। बसपा के राज्यसभा सदस्य रामजी गौतम और जीजीपी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम तथा दोनों दलों के अन्य नेताओं ने सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन की घोषणा की। जीजीपी ने 2018 में 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे एक भी सीट नहीं मिली थी। 36 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। पिछले चुनाव में जीजीपी को 1.73 फीसदी वोट मिले थे।