लापरवाही/अनियमितता बरतने के कारण पंचायत सचिव निलंबित
अलग अलग मामलों में तीन पंचायत सचिव को सस्पेंड किया गया.
पहला मामला कांकेर के ग्राम पंचायत पुसावंड विकासखण्ड कांकेर के गौठान में नियमित रूप से पशुपालकों से गोबर की खरीदी नहीं करने के कारण जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल ने ग्राम पंचायत के सचिव साधूराम मंडावी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। ग्राम पंचायत के सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जिसका उन्होंने जवाब नहीं दिया। उच्च अधिकारी के निर्देशों की अवहेलना एवं कार्य के प्रति लापरवाही बरतने के कारण जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल द्वारा ग्राम पंचायत सचिव साधूराम मंडावी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
दूसरा मामला कोरिया कार्य में वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर सीईओ जिला पंचायत द्वारा ग्राम पंचायत खुटरापारा के सचिव दिलीप कुमार को निलंबित किया गया है। सीईओ जनपद पंचायत बैकुंठपुर के प्रतिवेदन अनुसार स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत व्यक्तिगत शौचालय निर्माण में वित्तीय अनियमितता किये जाने संबंधित आरोप प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित पाया गया। उक्त कृत्य हेतु सचिव ग्राम पंचायत खुटरापारा जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर को छ.ग. पंचायत सेवा (आचरण) नियम 1998 के नियम 3 एवं छ.ग. ग्राम पंचायत (सचिव की शक्तियां तथा कृत्य) नियम, 1999 के नियम 4 एवं नियम 5 का उल्लंघन करने के कारण अनुशासनिक कार्यवाही प्रयोजनार्थ तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
तीसरा मामला,अम्बिकापुर का है। गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में रूचि नही लेने तथा गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद का रूपांतरण बहुत कम होने के कारण जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत डिगमा के पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है। शासन की महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन में रुचि नही लेने के फकस्वरूप तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
गोबर खरीदी में लापरवाही बरतने के कारण माकड़ी ब्लॉक के दो पंचायत सचिव निलंबित- कोण्डागांव सीईओ जिला पंचायत की ओर से जिले के माकड़ी ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत उलेरा के पंचायत सचिव लालसाय मरकाम तथा ग्राम पंचायत बेलगांव-2 के पंचायत सचिव सुमिल कुमार शोरी को गोबर खरीदी में लापरवाही बरतने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उक्त दोनों का मुख्यालय कार्यालय जनपद पंचायत माकड़ी निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान इन दोनों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।