पंचायत सचिवों के हड़ताल से काम-काज प्रभावित , पंचायत कार्यालयों में लटका ताला
पिछले कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ प्रदेश पंचायत सचिव संगठन छत्तीसगढ़ के आह्वान पर पंचायत सचिव अपनी एक सूत्रीय मांग परीवीक्षा अवधि पश्चात शासकीयकरण को लेकर छत्तीसगढ़ के सभी ब्लॉक मुख्यालय में काम बंद कलम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठ गए है। सचिवों के हड़ताल पर चले जाने से पूरे प्रदेश के पंचायत कार्यालय में ताला लटका हुआ है। जिससे पंचायत स्तर के सभी काम और शासन के कई महत्वकांक्षी योजना जैसे-गोबर खरीदी, पेंशन, मनरेगा एवं अन्य कार्य प्रभावित हो रहे है।
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिवों का कहना है, कि कई विभागों के अनेकों कार्य को पंचायत सचिव द्वारा जमीनी स्तर पर पूर्ण ईमानदारी पूर्वक कार्य करते हुए, राज्य शासन एवं केंद्र शासन के समस्त योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का अति महत्वपूर्ण कार्य किया जाता है। इसके बाद भी सरकार सचिवों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है। राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना जैसे गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास, विधवा पेंशन , वृद्धा पेंशन आदि सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओ का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन करते आ रहे है। जिससे समाज के लोगों को सुविधा मिलती है तथा काम सहीं समय पर हो जाता है। अत: सचिवों का कहना है कि जब हम अपना काम को पूर्ण इमानदारी के साथ पूरा करते है तो सरकार को भी हमारी समस्याओं को देखना चाहिए तथा उसे पूरा करना चाहिए।
प्रदेश में कार्यरत लगभग 10568 पंचायत सचिव में से 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके लगभग 7184 पंचायत सचिवों को शासकीयकरण का वेतनमान 5200-20200 ग्रेड 2400 मिल रहा है। एवं 15 वर्ष के कम सेवावधि वाले पंचायत सचिव जिनकी संख्या लगभग 3384 को 3500-10000 ग्रेड 1100 का वेतनमान मिल रहा है। राज्य सरकार के कर्मचारी/शासकीय कर्मचारी नही होने से शासकीय सेवक की भांति अन्य सुविधा जैसे ओपीएस, चिकित्सा भत्ता, अर्जित अवकाश, टी ए, क्रमोन्नति-पद्दोन्नति, बीमा, ग्रेजयुटी से वंचित है। जिसकी सुविधा सचिवों को मिलनी चाहिए। किन्तु शासन-प्रशासन द्वारा मांगो पर किसी भी प्रकार से विचार नहीं किया गया जिसके कारण पूरे प्रदेश में पंचायत सचिव आन्दोलनरत हैं। पंचायत सचिवो के हड़ताल में चले जाने से शासन के कई महत्वकांक्षी योजना गोबर खऱीदी , रिपा, गौठान के समस्त कार्य, मनरेगा, जन्म मृत्यु पंजीयन, सामाजिक कार्यक्रम के अंतर्गत वृध्दाअवस्था पेंशन, विधवापेंशन, सुखदसहारा पेंशन पेयजल व्यवस्था एवं समस्त निर्माण कार्य व वित्तीय वर्ष के अंतिम माह होने से लेखा-जोखा के कार्य पूर्ण रूप से प्रभावित है।
पंचायत सचिवों का कहना है पंचायत सचिवों को विभाग में कार्य करते हुए 27 वर्ष से अधिक हो गया है सचिवों के साथ नियुक्त अन्य विभाग के कर्मचारी को शासकीयकारण कर दिया गया है, परंतु सचिवों को शासकीयकारण से वंचित है। अत: सरकार को हमारे बारे में जल्द विचार कर उचित निर्णय लेना चाहिए।