पेपरलेस सिस्टम और ग्रीन टेक्नोलॉजी से लैस नया छत्तीसगढ़ विधानसभा
छत्तीसगढ़ की नई पहचान बनने जा रहा है. नवा रायपुर में स्थित नया विधानसभा भवन राज्योत्सव के अवसर पर 1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भव्य भवन का उद्घाटन करेंगे. यह भवन न केवल प्रदेश की शासन व्यवस्था का नया केंद्र बनेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और आधुनिक तकनीक के समन्वय का जीवंत प्रतीक भी साबित होगा. धान की खुशबू, बस्तर की कला और अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित यह इमारत अब राज्य की नई पहचान बनने को तैयार है. इस भवन की सबसे खास बात ये है कि नई विधानसभा भवन को पूरी तरह इको-फ्रेंडली और स्मार्ट सुविधाओं से लैस बनाया गया है. परिसर में खूबसूरत गार्डन और लैंडस्केप तैयार किया गया है, जहां वास्तु के हिसाब से पेड़-पौधे लगाए जाएंगे. जल और ऊर्जा संरक्षण की आधुनिक व्यवस्था की गई है. बिल्डिंग पूरी तरह सौर ऊर्जा से रोशन होगी. यहां हाईटेक लाइब्रेरी होगी और विधानसभा का पूरा काम पेपरलेस होगा. इसके अलावा महिला, पुरुष, दिव्यांग और ट्रांसजेंडर के लिए अलग-अलग शौचालय की सुविधा दी गई है.
273.11 करोड़ रुपए की लागत
इस भवन का निर्माण लगभग 273.11 करोड़ रुपए की स्वीकृत लागत से किया गया है. इसे अगले 100 वर्षों की प्रशासनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है. नई विधानसभा भवन को तीन ब्लॉकों A, B और C में बांटा गया है. ब्लॉक A में विधानसभा सचिवालय, सचिव कार्यालय और कर्मचारियों के दफ्तर होंगे. ब्लॉक B मुख्य कार्यस्थल है, जहां विधानसभा की कार्यवाही चलेगी. इसमें विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और उपाध्यक्ष के कक्ष के साथ सदस्यों के लाउंज, डाइनिंग एरिया और प्रमुख सचिवों के कार्यालय भी बनाए गए हैं. ब्लॉक C में मंत्रियों और विधायकों के कक्ष होंगे, जबकि लोअर ग्राउंड फ्लोर में रेलवे रिजर्वेशन, पोस्ट ऑफिस, बैंक और मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई गई है.
भवन का हर हिस्सा छत्तीसगढ़ की आत्मा को दर्शाता है. इसकी छतों और दीवारों पर धान की बालियों की आकृति उकेरी गई है, जो राज्य की कृषि परंपरा और समृद्धि का प्रतीक है. वहीं, फर्नीचर से लेकर कलात्मक सजावट तक में बस्तर के शिल्पकारों की मेहनत झलकती है. भवन की वास्तु संरचना पूरी तरह इको-फ्रेंडली रखी गई है. परिसर में जल और ऊर्जा संरक्षण की व्यवस्था, खूबसूरत गार्डन और वैदिक वास्तु सिद्धांतों के आधार पर लगाए गए पौधे इसकी विशेषता बढ़ाते हैं.
नई विधानसभा पूरी तरह स्मार्ट बिल्डिंग है. यहां पेपर-लेस कार्य प्रणाली अपनाई गई है और हर कक्ष डिजिटल सुविधाओं से लैस है. इसमें 500 सीटों वाला आधुनिक ऑडिटोरियम, VIP लाउंज, ग्रीन रूम, प्रशासनिक कक्ष, हाईटेक लाइब्रेरी और दिव्यांगजनों के लिए रैम्प जैसी सुविधाएं हैं. संसद की तर्ज पर 200 लोगों के बैठने वाला सेंट्रल हॉल तैयार किया गया है, जिसमें देश के महापुरुषों की तस्वीरें सुसज्जित की जाएंगी.
भवन की डिजाइनिंग में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि निर्णय लेने से लेकर नीति लागू करने तक की पूरी प्रक्रिया एक ही परिसर में संपन्न हो. मंत्रालय, संचालनालय और विधानसभा भवन एक ही सर्कल में होने से प्रशासनिक कार्यों की पारदर्शिता और गति दोनों में वृद्धि होगी.
यह इमारत केवल पत्थरों और ईंटों का ढांचा नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की प्रगति, परंपरा और नई दिशा का प्रतीक है. उद्घाटन के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे, तब यह केवल एक समारोह नहीं होगा बल्कि यह राज्य के लोकतांत्रिक इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी.
