खेती में क्रांति ला देगा ई-ट्रैक्टर, महिलाएं भी दौड़ा सकेंगी
खेती में अब नई क्रांति का दौर शुरू होने जा रहा है. डीजल की बढ़ती कीमतों और रखरखाव के झंझटों से जूझ रहे किसानों के लिए राहत भरी खबर है. CSIR के वैज्ञानिकों ने ऐसा इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर तैयार किया है, जो न सिर्फ सस्ता पड़ेगा, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी होगा. आने वाले दिनों में यह ट्रैक्टर छत्तीसगढ़ के खेतों में भी दौड़ता दिखाई देगा. ई-ट्रैक्टर खेती के लिए बेहद उपयोगी है. इसे पुरुष और महिला, दोनों ही चला सकते हैं. डीजल ट्रैक्टर चलाने से जो थकावट होती है, वह ई-ट्रैक्टर में बिल्कुल नहीं होती. इसका संचालन आसान है और रखरखाव में भी बेहद कम खर्च आता है. इस ट्रैक्टर को एक बार फुल चार्ज करने में सिर्फ 4 घंटे लगते हैं और इसके बाद यह लगातार 4–5 घंटे तक खेतों में काम कर सकता है. सामान्य डीजल ट्रैक्टर जहां एक घंटे में करीब 1.5 लीटर डीजल जलाता है, वहीं ई-ट्रैक्टर पांच घंटे में मात्र 18–20 यूनिट बिजली खर्च करता है. किसानों को 64% तक की सीधी बचत होती है.
ई-ट्रैक्टर 26 हॉर्सपावर की क्षमता वाला है. तुलना करें तो दो बैल मिलकर 1 HP ताकत देते हैं, ऐसे में 26 HP वाला यह ट्रैक्टर काफी शक्तिशाली है. इसके साथ हल, रोटावेटर, कल्टीवेटर जैसे लगभग सभी कृषि उपकरण आराम से चलाए जा सकते हैं. इसकी बैटरी की गारंटी 5 साल की है. इसे 10 हजार बार तक चार्ज-डिस्चार्ज किया जा सकता है. खेतों के अलावा ट्रांसपोर्टेशन के लिए भी किसान इसका उपयोग कर सकते हैं. यह लगातार 6 घंटे तक सामान ढोने का काम कर सकता है.CSIR के प्रिंसिपल साइंटिस्ट अविनाश कुमार यादव ने बताया कि ई-ट्रैक्टर को बनाने की योजना साल 2020 में शुरू हुई थी और दिसंबर 2023 में यह मॉडल तैयार हुआ. इसे तैयार करने में करीब तीन साल का समय लगा. इस ट्रैक्टर की उत्पादन लागत 8.5 लाख रुपए है, लेकिन किसानों के लिए राहत की बात ये कि सब्सिडी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. आगे बताया, केंद्र सरकार को सब्सिडी प्रस्ताव भेजा गया है. सब्सिडी मिलने के बाद किसानों को यह ट्रैक्टर 4 से 4.5 लाख के बीच में मिल सकेगा.
विशेषज्ञों का मानना है कि ई-ट्रैक्टर से खेती की लागत में भारी कमी आएगी और पर्यावरण प्रदूषण में भी कमी होगी. यह ट्रैक्टर न केवल बड़े किसानों के लिए, बल्कि 2–3 एकड़ वाले छोटे किसानों के लिए भी गेम चेंजर साबित हो सकता है. डॉ. राजन ने कहा ई-ट्रैक्टर से किसान अपने खेत का काम निपटाने के बाद दूसरों के खेतों में भी काम कर आय अर्जित कर सकते हैं. यह पूरे साल भर उपयोग में लाया जा सकता है.
