तूफानी चक्रवात मोंथा से दक्षिण छत्तीसगढ़ के जिलों को खतरा
देशभर में मौसम का मिजाज काफी बदल गया है. हल्की सर्दी ने दस्तक दे दी है. लेकिन इन सबके बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. तटीय इलाकों में समुद्र उफान पर है और मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है. चक्रवाती तूफान मोंथा का असर छत्तीसगढ़ में भी दिखाई देगा. अगले तीन दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश और हवा चल सकती है. दक्षिण छत्तीसगढ़ के पांच जिलों- नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में मोंथा का अधिक प्रभाव रहेगा, यहां भारी बारिश की संभावना को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है. वहीं कोंडागांव, कांकेर, धमतरी और गरियाबंद में ऑरेंज अलर्ट है. रायपुर और बिलासपुर संभाग के जिलों में यलो अलर्ट घोषित किया गया है.
हवा और तेज बारिश के आसार
मौसम विभाग के अनुसार, दंतेवाड़ा में मोंथा तूफान के चलते भारी वर्षा की संभावना है, यहां लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. वहीं, मोंथा के चलते बस्तर में 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती. कुछ इलाकों में हवा की गति 80 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. मौसम विभाग का कहना है कि आज मंगलवार और 29 अक्टूबर को मोंथा तूफान का असर अधिक रहेगा. कल 29 अक्टूबर को रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग में भी तेज हवाओं और बारिश की संभावना जताई गई है.सुरक्षा के दृष्टिकोण से विशाखापटनम जाने वाले रूट की सभी यात्री ट्रेनों को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया गया है.
हवा की रफ्तार तेज
पिछले करीब 24 घंटे की बात करें तो में बेलगहना में सबसे ज्यादा 30 मिमी बारिश दर्ज की गई है. इससके अलावा छुईखदान, पिपरिया, भिंभोरी, अंतागढ़ और कसडोल में 10 मिमी बरसात हुई है. मोंथा के असर से दक्षिण छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में हवा की रफ्तार तेज है.
