छत्तीसगढ़
देश में चुनावी पारदर्शिता को लेकर शुरू की गई एसआईआर (Systematic Investigation Report) प्रक्रिया का असर अब राज्यों तक पहुंच चुका है. छत्तीसगढ़ में भी इस पर चर्चा तेज हो गई है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र को और मजबूत बनाएगी. उन्होंने निर्वाचन आयोग को इसके लिए धन्यवाद दिया है. मुख्यमंत्री साय ने कहा- "एसआईआर प्रक्रिया एक अच्छा और पारदर्शी कदम है. यह चुनावी प्रक्रिया में विश्वास और जवाबदेही को बढ़ाएगा. हम निर्वाचन आयोग के इस फैसले का स्वागत करते हैं. सरकार पूर्ण रूप से आयोग के साथ सहयोग करेगी." साय ने आगे कहा कि देश में निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत हैं और किसी भी ऐसी प्रणाली का स्वागत किया जाना चाहिए जो पारदर्शिता को मजबूत करे.
छत्तीसगढ़ में भी दिखा एसआईआर का असर, सीएम साय बोले – निर्वाचन आयोग का कदम स्वागत योग्य
Tuesday, October 28, 2025
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देश में चुनावी पारदर्शिता को लेकर शुरू की गई एसआईआर (Systematic Investigation Report) प्रक्रिया का असर अब राज्यों तक पहुंच चुका है. छत्तीसगढ़ में भी इस पर चर्चा तेज हो गई है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र को और मजबूत बनाएगी. उन्होंने निर्वाचन आयोग को इसके लिए धन्यवाद दिया है. मुख्यमंत्री साय ने कहा- "एसआईआर प्रक्रिया एक अच्छा और पारदर्शी कदम है. यह चुनावी प्रक्रिया में विश्वास और जवाबदेही को बढ़ाएगा. हम निर्वाचन आयोग के इस फैसले का स्वागत करते हैं. सरकार पूर्ण रूप से आयोग के साथ सहयोग करेगी." साय ने आगे कहा कि देश में निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत हैं और किसी भी ऐसी प्रणाली का स्वागत किया जाना चाहिए जो पारदर्शिता को मजबूत करे.
छत्तीसगढ़ में बीते कुछ वर्षों में कई चुनावी विवाद, खर्च पारदर्शिता और उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड को लेकर मुद्दे उठते रहे हैं. ऐसे में एसआईआर प्रक्रिया को राज्य की राजनीति में ‘चुनावी सुधार की दिशा में बड़ा कदम’ माना जा रहा है.
क्या है एसआईआर प्रक्रिया:
एसआईआर यानी Systematic Investigation Report, निर्वाचन आयोग की एक नई पहल है, जिसके तहत चुनावी प्रक्रिया से जुड़ी अनियमितताओं, खर्च के स्रोत, उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि और आचार संहिता के पालन की व्यवस्थित जांच की जाती है. इस प्रक्रिया का उद्देश्य है कि मतदाताओं को निष्पक्ष जानकारी मिले और चुनावी तंत्र पर जनता का भरोसा और गहरा हो.
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