मुख्यमंत्री साय के कुशल नेतृत्व में, छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का आगाज
छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने इस योजना को ‘जन-जन की योजना’ बना दिया है। मार्च 2024 से ही राज्य में सोलर रूफटॉप लगाने का कार्य तेजी से आरंभ कर दिया गया। सरकार ने इस योजना को मिशन मोड में लागू कर 2025 के मध्य तक ही राज्य के 1 लाख से अधिक परिवारों को इससे जोड़ दिया है। राज्य सरकार ने लक्ष्य रखा है कि हर ब्लॉक में कम से कम 1000 सोलर छतें लगाई जाएँगी। डिस्कॉम (DISCOM) यानि वो विद्युत वितरण कम्पनियाँ जो घरों, व्यवसायों और उद्योगों को बिजली की आपूर्ति करती हैं और ग्राम पंचायतों को जोड़कर व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जन-जन के लिए ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन के ज़रिये आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।मुख्यमंत्री साय ने योजना को लागू करने के लिए राज्य ऊर्जा विभाग, CREDA (छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण) और बिजली वितरण कंपनियों को साझा मंच पर लाकर एक “सौर मिशन टास्क फोर्स” का गठन किया गया है।“सूर्य घर, रोशन घर” जैसे नारों से गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। स्कूलों, पंचायत सभाओं, और हाट-बाजारों में सूचना का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। स्थानीय नेताओं और स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चहित की गई है।“सोलर मित्र योजना” के तहत 5000 युवाओं को रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन युवाओं को पंचायत स्तर पर अनुबंध के आधार पर नियुक्त कर स्वरोजगार की दिशा में बढ़ावा । योजना की गति के निगरानी और पारदर्शिता के लिए जिला स्तर पर निगरानी समितियों का गठन किया गया है। एकीकृत ऑनलाइन डैशबोर्ड पर प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट ली जा रही है।
छत्तीसगढ़ में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत सौर सब्सिडी 2 किलोवाट तक की प्रणाली के लिए ₹30,000 प्रति किलोवाट के मान से 2 किलोवाट के लिए कुल सब्सिडी ₹60,000 तक दिया जा रहा है। 3 किलोवाट की प्रणाली के लिए पहले 2 किलोवाट के लिए ₹30,000 प्रति किलोवाट और अतिरिक्त किलोवाट के लिए ₹18,000 इस तरह कुल ₹78,000 सब्सिडी दी जा रही है। 1 करोड़ घरों को इस योजना से जोड़ा जा रहा है।बिजली पर निर्भरता कम कर हर घर को ऊर्जा की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।राज्य सरकार ने केंद्र की सब्सिडी के साथ-साथ 10,000 रुपये अतिरिक्त सहायता देना प्रारंभ किया। ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक लोन पर शून्य ब्याज दर की पहल की गई है। इस योजना का लाभ उठाते हुए आम-जन अपनी घरेलू जरूरत की बिजली खुद उत्पन्न कर अतिरिक्त बिजली ग्रिड को सप्लाई करके आर्थिक राहत के साथ-साथ अतिरिक्त लाभ भी कमा रहे है।छत्तीसगढ़ के सैकड़ों परिवार अब बिजली के बिल से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। जिनका औसत मासिक बिल 800 से 1200 रुपये होता था, अब उन्हें 0 रुपये का बिल मिल रहा है। दुर्गम और आदिवासी अंचलों में जहां बिजली की आपूर्ति अनियमित थी, वहां सौर ऊर्जा से बिजली उपलब्ध हो रही है। गांव के लोग टॉर्च और लालटेन के युग से निकलकर अब एलईडी बल्ब और पंखे चला रहे हैं। रसोईघर और घर के अन्य कार्यों के लिए अब महिलाएं विद्युत उपकरणों का उपयोग कर पा रही हैं, जिससे समय की बचत हो रही है।सोलर इंस्टॉलेशन, मेंटेनेंस और वेंडर नेटवर्क के माध्यम से हज़ारों युवाओं को रोजगार मिला है।सौर उपकरणों की बिक्री व इंस्टॉलेशन क्षेत्र में MSME और स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सौर ऊर्जा के माध्यम से प्रति घर औसतन 500 किलो CO₂ उत्सर्जन में कमी आती है जिसका पर्यावरण में धनात्मक प्रभाव होता है इस प्रभाव को देखते हुए समाज में भी पर्यावरणीय जागरूकता में वृद्धि देखी जा रही है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, ग्रीन एनर्जी की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।इस योजना से लाभान्वित इसे आम नागरिकों के लिए एक ऐसा वरदान बता रहे है, जो उन्हें न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में उनको आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहभागी बना रही है।वर्ष 2030 तक का छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमें वर्ष 2026 तक 10 लाख घरों में रूफटॉप सोलर लगाया जाना है। राज्य के हर गांव में कम से कम 1 सामुदायिक सोलर यूनिट स्थापित की जाएगी। वर्ष 2030 राज्य को ऊर्जा निर्यातक बनाने की दिशा में कदम उठाया जाएगा। इसके लिए सोलर पैनल निर्माण इकाइयों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।कृषि पंप, स्कूल और पंचायत भवन भी सौर ऊर्जा से जोड़े जाएंगे। EV चार्जिंग स्टेशन में सौर ऊर्जा की भूमिका बधाई जाएगी।