मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कहर बनकर बरस रहा मॉनसून
भारी बारिश के कारण मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में लोग परेशान हो रहे हैं. कुछ जिलों में बाढ़ जैसे हालात है. नदी-नालों का पानी सड़कों और लोगों के घर के अंदर बह रहा है. तो दूसरी तरफ, छत्तीसगढ़ में बारिश के कारण ट्रेनों का परिचालन भी प्रभावित हुआ है. मॉनसून का विकराल रूप दिखने लगा है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का दौर जारी है. कई इलाकों में तो बारिश लगातार 24 घंटे और 48 घंटे से हो रहा है. ऐसे में लोगों के लिए घर से बाहर निकलना भी आफत बना हुआ है. अगर बात करें मध्य प्रदेश की, तो कई जिलों में बारिश का पानी नदी और नालों से निकलकर सड़कों पर बह रहा है, पुल जलमग्न हो गए हैं और नर्मदा नदी अपने पूरे उफान पर है. इसको देखते हुए बरगी बांध से पानी छोड़ा जा रहा है. बारिश के पानी से प्रभावित निचले इलाकों के लिए प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है.
दूसरी तरफ, छत्तीसगढ़ में भी बारिश का कहर जारी है. बिलासपुर में मानसून की दस्तक के साथ ही भारी बारिश ने शहर का हाल बेहाल कर दिया है. बीते तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश के कारण अरपा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ा है. बलरामपुर में नदी का पानी पुल पर बहने के कारण एक सड़क दुर्घटना हो गई, जिसमें ट्रक नदी में गिर गया. बारिश का कहर देखते हुए बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग से गुजरने वाली कई यात्री ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों देरी से चल रही हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
छत्तीसगढ़ के अरपा नदी का जलस्तर भी बढ़ा
बिलासपुर में मॉनसून की दस्तक के साथ ही भारी बारिश ने शहर का हाल-बेहाल कर दिया है. बीते तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश के कारण अरपा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ा है. दोमुहानी एनीकट पर नदी का पानी अब ऊपर से बहने लगा है, जो इस मानसून की पहली बाढ़ जैसी चेतावनी मानी जा रही है. तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि अरपा नदी अपनी पूरी रफ्तार से बह रही है. जल संसाधन विभाग के मुताबिक, भैसाझार बैराज में जल स्तर 70% से अधिक हो चुका है, जिससे बैराज का गेट खोलकर अरपा में पानी छोड़ा गया. यह स्थिति जुलाई के पहले सप्ताह में वर्षों बाद बनी है, जिससे निचले इलाकों में खतरा और बढ़ गया है.
बलरामपुर में गागर नदी उफान पर! तेज बहाव में अनियंत्रित होकर पुल से गिरा ट्रक
छत्तीसगढ़ में मानसून अपने पूरे शबाब पर है. बलरामपुर समेत पूरे जिले में भारी बारिश हो रही है. लगातार हो रही बारिश से गागर नदी उफान पर है और वो अपना विकराल रूप धारण कर लिया है. उफान के चलते नदी का पानी बीच पुल से सटकर बह रहा है, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि इस दौरान पुल से गुजरते हुए बड़ा हादसा हो गया. दरअसल, यहां पुल पार करते समय आयशर ट्रक तेज बहाव में अनियंत्रित होकर नदी में पलट गया. यह घटना राजपुर थाना क्षेत्र की है.
कोरबा में तीन दिनों की झमाझम बारिश से नदी-नाले उफान पर
कोरबा जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही झमाझम बारिश ने जिले को पानी-पानी कर दिया है। नदी-नाले उफान पर हैं। गेरवां के बांसाझर्रा में बना स्टॉप डैम टूटने से खेतों में पानी भर गया। पिछले 24 घंटों में जिले में औसतन 75.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिसमें करतला ब्लॉक में सर्वाधिक 151.4
बारिश के कारण बड़मार से कोई गांव को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की पुलिया बह गई, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। गुरुवार को बालको क्षेत्र की कई बस्तियों में बारिश का पानी घरों में घुस गया, जिससे लोग परेशान रहे। शनिवार सुबह से फिर शुरू हुई बारिश ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। करतला ब्लॉक के गेरवां पंचायत में बांसाझर्रा स्टॉप डैम के टूटने से आसपास के गांवों में खेती और निस्तार के लिए महत्वपूर्ण जल स्रोत प्रभावित हुआ है।
शहडोल-कटनी रूट के मुड़ना पुल पर आवागमन बंद
शहडोल में शनिवार रात से हो रही लगातार बारिश से जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया है. सड़कें पानी में डूब गई हैं, नदी-नाले उफान पर हैं. इसके बाद, शहडोल-कटनी मार्ग का मुड़ना पल बेरिकेट्स लगाकर बंद कर दिया गया है. पोंडा नाला में भी पानी बढ़ जाने से शहडोल-सिंहपुर मार्ग बंद है. पोंडा नाले में तेज बहाव में कार बह गयी है, हालांकि चालक इससे सुरक्षित निकल आया है.
खोला गया बरगी बांध
जबलपुर में लगातार बारिश और जलस्तर बढ़ने के कारण बरगी बांध के 9 गेट खोल दिए गए हैं. आज, रविवार दोपहर 12 बजे से इन गेटों से लगभग 52 हजार 195 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. बांध से पानी छोड़े जाने के बाद प्रशासन ने निचले क्षेत्रों के निवासियों को सतर्क रहने और नर्मदा तटों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है. कार्यपालन यंत्री राजेश सिंह गौंड ने बताया कि बरगी बांध के 21 में से 9 गेट 1.33 मीटर औसत ऊंचाई तक खोले गए हैं. बांध का पूर्ण जलभराव स्तर 422.76 मीटर है, जबकि ऑपरेशनल मैन्युअल के अनुसार 31 जुलाई तक बांध का जलस्तर 417.50 मीटर बनाए रखने का लक्ष्य है.