मशरूम फैक्ट्री में महिला बाल विकास विभाग की बड़ी कार्रवाई
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मशरूम फैक्ट्री में महिला बाल विकास विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। यह एक्शन मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराने की शिकायत मिलने के बाद हुई। विभाग की टीम ने छापा मारते हुए 97 लोगों को रेस्क्यू कर फैक्ट्री के बाहर निकल गया है। रेस्क्यू किए लोगों में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल है। ये सभी मजदूर देश के अलग-अलग राज्यों से फैक्ट्री में मजदूरी करने के लिए आए हुए थे। इनसे ठेकेदार और संचालक द्वारा बिना पैसा भुगतान किये बंधक बनाकर कार्य कराया जा रहा था। पूरा मामला रायपुर के खरोरा थाना क्षेत्र का है। प्रताड़ना के इस मामले खुलासा तब हुआ जब कुछ मजदूर फैक्ट्री मालिकों की प्रताड़ना से तंग आ गए। वे 2 जुलाई की रात को फैक्ट्री से भाग निकले। वे 20 किमी पैदल चलकर रायपुर पहुंचे। कुछ लोगों ने मदद कर पुलिस तक पहुंचाया। फैक्ट्री में काम करने आए मजदूर ने कहा कि मशरूम कंपनी में पैक करने के लिए यहां पर लेकर आए थे।
जबरन मजदूरी के साथ मारपीट
मजदूर ने बताया कि यहां हमें मारा भी जाता था। मारते इतना थे कि हालत खराब हो जाती थी। एक आदमी अगर मार खाता तो सबका हालत खराब हो जाता था। चाहे लेडिस हो चाहे जेंट्स हो सभी को मार पड़ता है। अंदर बंद करके रखते हैं। किसी से बात करने भी नहीं देते। ना घूमने देना और ना ही पैसे देते थे।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए महिला बाल विकास अधिकारी शैल ठाकुर ने कहा कि महिला बाल विकास विभाग के साथ बचपन बचाओ आंदोलन काम करता है। यह स्वयंसेवी संस्था है। इनके माध्यम से हमें शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत के आधार पर हमने इन पर काम किया है। शिकायत होते ही संबंधित फैक्ट्री में हम लोगों ने छापे मार कार्रवाई की। जिसके बाद 97 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। ये लोग यूपी, बिहार और झारखंड और मध्य प्रदेश से लाए गए थे। अधिकारी ने बताया कि यह लोग तिल्दा के मशरूम फैक्ट्री में काम कर रहे थे।
बाल मजदूर कर रहे 20 बच्चों को किया रेस्क्यू, 7 फैक्ट्रियां सील
फैक्ट्री से रेस्क्यू किए लोगों ने मालिकों में विकास तिवारी, विपिन तिवारी और नितेश तिवारी के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत एसपी से की है। एसपी को लिखे शिकायत पत्र में फैक्ट्री में प्रताड़ना का जिक्र किया। महिला बाल विकास ने बताया कि शिकायती आवेदन मिला था।