अब घर बैठे मिलेंगी बसों की टाइमिंग, किराया समेत सभी जानकारियां, यात्रियों को मिलेगी सुविधा
प्रदेश के यात्री, स्कूल और सिटी बसों की निगरानी करने के लिए जल्दी ही पंडरी स्थित सिटी आरटीओ दतर परिसर में हाईटेक सेंट्रल कमांड सेंटर बनाया जाएगा। इसका निर्माण 1.50 करोड़ की लागत से होगा। राज्य सरकार से स्वीकृति और बजट मिलने के बाद परिवहन विभाग के अधिकारी इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इसका निर्माण होने के बाद बसों में लगे जीपीएस से रूट और मूवमेंट के साथ ही टाइमिंग और लोकेशन की जानकारी मिलेगी।
साथ ही पैनिक बटन का उपयोग करने पर तत्काल आपात सहायता मिलेगी। राज्य सरकार के निर्देश के बाद परिवहन विभाग द्वारा हाईटेक सेंटर और सेटअप के साथ ही बसों के रेकॉर्ड को अपडेट किया जा रहा है। फिटनेस जांच के दौरान जीपीएस सिस्टम की अनिवार्य रूप से जांच करने के निर्देश दिए गए है। वहीं बिना जीपीएस वाली बसों का फिटनेस नहीं कराने कहा गया है।
शिकायतों के चलते पड़ी जरूरत
यात्री बसों में अक्सर चालक-परिचालकों द्वारा यात्रियों के साथ बदसलूकी करने, निर्धारित किराए से ज्यादा वसूली करने के साथ ही ओवरलोडिंग करने की शिकायतें मिल रही थी। वहीं बस चालक निर्धारित रूट को छोड़कर अन्य मार्गों से बसों का संचालन कर रहे थे। इसकी शिकायत मिलने के बाद भी लोकेशन की जानकारी तुरंत नहीं मिलने के कारण प्रभावी कार्रवाई नहीं मिल रही थी। डॉयल 112 में सभी तरह की सूचनाएं आने के कारण प्रत्येक बस की निगरानी और लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रहा था। उक्त सभी को देखते हुए खुद का कमांड सेंटर बनाने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था।
24 घंटे होगी निगरानी
हाईटेक सेंट्रल कमांड सेंटर में 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहेंगे। वह राज्य के भीतर और अंतरराज्यीय मार्गों पर संचालित बसों के लोकेशन की निगरानी करेंगे। ताकि किसी भी तरह की आपात स्थिति निर्मित होने पर तत्काल सहायता पहुंचाई जा सकें। सेंटर में बडी़ स्क्रीन लगाकर बसों के जीपीएस से कनेक्ट किया जाएगा।
साथ ही उसकी मॉनिटरिंग होगी। इस सेंटर से परिवहन विभाग के अधिकारियों साथ ही सभी जिलों के एसपी, पुलिस थाना और जिला प्रशासन के अफसरों के मोबाइल को कनेक्ट किया जाएगा। इसके जरिए वह खुद बसों की लोकेशन और अन्य जानकारियां ऑनलाइन देख सकेंगे।
परिवहन विभाग के सेंट्रल कमांड सेंटर के शुरू होने से यात्रियों को घर बैठे ही बसों की टाइमिंग, किराया और अन्य जानकारियां मिलेगी। इसके लिए उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा। वह ऐप के जरिए गंतव्य स्थान पर जाने के मार्गो और स्टॉपेज देख सकेंगे। वही शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर पर मालिक, चालक-परिचालक द्वारा बदसलूकी करने पर तत्काल शिकायत कर सकेंगे।