औषधीय गुणों से भरपूर है पीपली, सर्दी-खांसी, अस्थमा के लिए है रामबाण
रसोई में मसालों की भूमिका सिर्फ स्वाद बढ़ाने तक ही सीमित नहीं होती, बल्कि इनमें से कई मसाले औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. इन्हीं में से एक है पीपली, जिसे लंबी मिर्च भी कहा जाता है. यह आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है. पीपली ना केवल पाचन शक्ति को बेहतर बनाती है, बल्कि यह नींद न आने, सर्दी-खांसी, सांस संबंधी समस्याएं और भूख न लगने जैसी कई परेशानियों में फायदेमंद हो सकती है. हालांकि इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है. इसकी तासीर गर्म होने के कारण इसका अत्यधिक सेवन हानिकारक हो सकता है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए. यदि सही मात्रा में और सही समय पर पीपली का सेवन किया जाए, तो यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती है.
पीपली का सबसे प्रमुख लाभ पाचन तंत्र को सुधारने में होता है. आजकल की जीवनशैली में कब्ज एक आम समस्या बन गई है. पीपली एक नैचुरल डाइजेस्टिव एजेंट की तरह काम करती है, जो आंतों को सक्रिय कर भोजन को सही ढंग से पचाने में मदद करती है. यह आंतों की गति को बढ़ावा देकर मल को बाहर निकालने में सहायता करती है. पीपली पाउडर को गुनगुने पानी या शहद के साथ लेने से कब्ज की समस्या में राहत मिल सकती है. अगर आप अनिद्रा यानी नींद न आने की समस्या से परेशान हैं तो पीपली आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. रात को सोने से पहले एक चुटकी पीपली पाउडर को शहद के साथ सेवन करने से मानसिक शांति मिलती है और नींद आने में मदद होती है. इसके पीछे कारण यह है कि पीपली शरीर को रिलैक्स करती है और मस्तिष्क को शांत करती है.
पीपली का सेवन सर्दी-खांसी और अस्थमा जैसी समस्याओं में भी लाभदायक है. यह बलगम को बाहर निकालने में सहायता करती है और श्वसन मार्ग को साफ रखती है. यही वजह है कि आयुर्वेद में पीपली को “त्रिकटु” चूर्ण का हिस्सा माना गया है, जो कफ दोष को संतुलित करने में मदद करता है. भूख न लगने की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए पीपली रामबाण औषधि मानी जाती है. इसके सेवन से पाचन रसों का स्त्राव बढ़ता है, जिससे भूख में वृद्धि होती है. इसे खाने से पहले एक चुटकी शहद या घी के साथ लेने से लाभ मिल सकता है. पीपली में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक होते हैं. यह शरीर को बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन से लड़ने की ताकत देता है.