सरकार खुद चली जनता के दुआर...!, सीएम ने किया मोर दुआर-साय सरकार महाअभियान का शुभारंभ
छत्तीसगढ़ में इस बार सरकार ने एक अनोखा काम कर दिखाया है. सीएम बस्तर जिले के घाटपदमपुर से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत आवास प्लस 2.0 सर्वेक्षण के लिए प्रदेशव्यापी मोर दुआर-साय सरकार महाभियान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री इस दौरान उन्होंने घाटपदमपुर के कई हितग्राहियों के घर पहुंचकर स्वयं सर्वेक्षण किया। सरकार ना सिर्फ़ योजनाएं बनाई गईं, बल्कि अब खुद सरकार उन योजनाओं को लेकर हर घर तक पहुंच रही है. इस ऐतिहासिक पहल का का नाम है “मोर दुआर, साय सरकार” महा अभियान. 15 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक चलने वाला यह अत्याधुनिक टेक्नो-सर्वे मिशन सिर्फ़ एक सर्वे नहीं, बल्कि ग्रामीण जनता से सरकार की सीधी बातचीत की शुरुआत है. इस महाभियान में राज्य के प्रत्येक गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना प्लस 2.0 के हितग्राहियों के सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जाएगा, ताकि योजनांतर्गत आवास की स्वीकृति एवं निर्माण कार्य कराया जा सके. मोर दुआर-साय सरकार महाभियान का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के ऐसे ग्रामीण परिवारों की पहचान करना है, जिन्हें अब तक किसी भी आवासीय योजना के तहत पक्का आवास नहीं मिल सका है। उन्हें पक्के आवास की सुविधा उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रत्येक पात्र ग्रामीण परिवार को पक्का और सुरक्षित घर प्रदान करना है. उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कार्य समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से पूरा किया जाएगा, ताकि हर जरूरतमंद को योजना का लाभ मिले. स्मार्ट मोबाइल ऐप ‘आवास प्लस 2.0' की मदद से गांवों में सरकार के प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं. पेपरलेस सर्वे, लाइव अपडेट, और सैटेलाइट डेटा के सहारे हर उस व्यक्ति की पहचान हो रही है जो अब तक पक्के मकान से वंचित था.
इस महाअभियान में गांव की गलियों से लेकर चौपाल तक एक ही नारा गूंज रहा है-"मोर आवास, मोर अधिकार!" स्कूलों में रंगोली और पोस्टर प्रतियोगिताएं हो रही हैं. पंचायत भवनों में कविता और स्लोगन की गूंज है और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है #मोर_दुआर_साय_सरकार की रील्स. यह सब मिलकर इसे सिर्फ़ एक सरकारी सर्वे नहीं, बल्कि एक जनांदोलन में बदल रहे हैं.
हितग्राहियों का सर्वेक्षण होगा
इस महाभियान में राज्य के प्रत्येक गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना प्लस 2.0 के हितग्राहियों के सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जाएगा, ताकि योजनांतर्गत आवास की स्वीकृति एवं निर्माण कार्य कराया जा सके। यह महाभियान तीन चरणों में संचालित होगा। पहले चरण में 15 से 19 अप्रैल के बीच जिला और ब्लॉक स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं। दूसरे चरण में 20 से 28 अप्रैल तक सभी ग्रामों में ग्राम सभाएं आयोजित कर घर-घर जाकर पात्र परिवारों का सर्वेक्षण किया जाएगा। तीसरे चरण में 29 और 30 अप्रैल को सभी सर्वेक्षणों की पुष्टि, ग्राम सभा की स्वीकृति और सत्यापन कर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर राज्य कार्यालय को भेजी जाएगी।
कलेक्टर ने क्या कहा?
कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने कहा, ये सिर्फ़ मकान नहीं, यह सम्मान है. हर घर तक सरकार की सीधी मौजूदगी ही असली लोकतंत्र है. लेकिन एक बात तय है—छत्तीसगढ़ ने एक नई मिसाल पेश कर दी है. यह महाभियान तीन चरणों में संचालित होगा. पहले चरण में 15 से 19 अप्रैल के बीच जिला और ब्लॉक स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं. दूसरे चरण में 20 से 28 अप्रैल तक सभी ग्रामों में ग्राम सभाएं आयोजित कर घर-घर जाकर पात्र परिवारों का सर्वेक्षण किया जाएगा. तीसरे चरण में 29 और 30 अप्रैल को सभी सर्वेक्षणों की पुष्टि, ग्राम सभा की स्वीकृति और सत्यापन कर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर राज्य कार्यालय को भेजी जाएगी.