राज्यपाल, सीएम की मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल विस्तार के अटकले तेज - CGKIRAN

राज्यपाल, सीएम की मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल विस्तार के अटकले तेज


प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बीच सीएम साय ने राज्यपाल रामेन डेका से मुलाकात की. सीएम और राज्यपाल की मुलाकात के बीच अटकले लगाई जा रही हैं की प्रदेश सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं है. हफ्ते भर पहले भी चर्चाएं तेज थी, लेकिन राजकीय शोक की वजह से विस्तार टल गया था.  हांलाकि सीएम सचिवालय और राजभवन के सुत्र इस मुलाकात को नव वर्ष पर सौजन्य मुलाकात करार दे रहें है और बताया जा रहा है कि सीएम ने राज्यपाल को नए साल की शुभकामनाएं देने के लिए मुलाकात की है। लेकिन राजनीतिक प्रेक्षक इसे मंत्रिमंडल विस्तार से भी जोड़कर देख रहें है। कयास यह भी लगाए जा रहे है कि सब कुछ ठीक रहा तो पांच जनवरी को राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाया जा सकता है।

हांलाकि बीजेपी संगठन का कहना है कि राज्पाल और सीएम की मुलाकात सौजन्य भेंट है। हालांकि इस सौजन्य भेंट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह बैठक संभावित कैबिनेट विस्तार को लेकर की गई है। हालांकि मुलाकात को लेकर सीएम विष्णुदेव साय ने कोई टिप्पणी नहीं की है।

सीएम साय के एयरपोर्ट से सीधे राजभवन पहुंचने के बाद से मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं. सीएम साय ने करीब आधा घंटा राज्यपाल से मुलाकात की इस बीच मंत्री मंडल विस्तार पर भी चर्चा होने की खबर सामने आई है. लेकिन राजभवन या सीएम हाउस से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है. इस मुलाकात के दौरान मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा होने के कयास लगाए जा रहे हैं. 

दो विधायक बन सकते हैं मंत्री

छत्तीसगढ़ की मौजूदा सरकार में दो विधायकों को मंत्रियों बनाया जा सकता है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। राज्यपाल और सीएम की मुलाकात के बाद एक बार फिर से सियासी अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं। माना जा रहा है कि दिसंबर महीने में सरकार कैबिनेट का विस्तार कर सकती है। मंत्रिमंडल विस्तार में एक सीनियर विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि यहब फिर कैबिनेट विस्तार नहीं होगा बल्कि कैबिनेट का फेरबदल होगा। राज्य सरकार के कई मंत्रियों को बाहर भी किया जा सकता है।

संभावित नामों में 
संभावित मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा में अमर अग्रवाल का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है. संगठन सूत्र कहते हैं कि उनका नाम लगभग तय है. 14 साल तक मंत्री रह चुके अमर अग्रवाल रिजल्ट ओरिएंटेड काम करने के लिए पहचाने जाते हैं. भीड़ से अलग रहकर काम करने में भरोसा करने वाले अमर अग्रवाल ने पूर्ववर्ती रमन सरकार में आबकारी पॉलिसी बनाई थी. शराब बिक्री का ठेका सिस्टम खत्म किया था. इस फैसले से आबकारी राजस्व में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई थी. अमर अग्रवाल देश में इकलौते चेहरे रहे हैं, जो सर्वाधिक लंबे समय तक जीएसटी काउंसिल में बतौर सदस्य शामिल थे. अमर अग्रवाल के बाद प्रदेश अध्यक्ष किरण देव की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है. वहीं आरएसएस बैकग्राउंड से आने वाले दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव को मंत्री बनाए जाने का दबाव है. संघ से उनके नाम की पैरवी की खबर है. साथ ही यादव समाज को साधने के लिहाज से भी मंत्रिमंडल में उन्हें जगह दिए जाने की वकालत की गई है. वहीं राजेश मूणत, अजय चंद्राकर और सुनील सोनी के नाम भी चर्चाओं में हैं.
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