स्कूली बच्चों के लिए वरदान साबित होगा APAAR कार्ड - CGKIRAN

स्कूली बच्चों के लिए वरदान साबित होगा APAAR कार्ड


नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद वन नेशन, वन स्टूडेंट आइडी योजना के तहत यह ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक रजिस्ट्री (Apaar) कार्ड बनाया जाएगा, लेकिन अब सवाल है कि इसके फायदे क्या होंगे? सेंट्रल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने छात्रों के लिए 'अपार' कार्ड बनाने का काम शुरु किया है. 'अपार कार्ड' में छात्रों के कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक के सभी एकेडमिक रिकार्ड को दर्ज किया जाएगा. दर्ज रिकार्ड में छात्रों की मार्कशीट, उनके एकेडमिक क्वालिफिकेशन, आय और जाति प्रमाण पत्र तक की जानकारी दर्ज होगी. APAAR कार्ड का फुल फार्म होता है Automated Permanent Academic Account Registry जिसका हिंदी में अर्थ होता है ऑटोमैटिक स्थायी शैक्षणिक खाता पंजीकरण.

इस कार्ड को वन नेशन वन स्टूडेंट के आईडी के तौर पर भी जाना जाता है. देशभर में अपार आईडी बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है. सरगुजा संभाग में कार्ड बनाने का काम लगभग 20 फीसदी तक पूरा हो चुका है. सरगुजा के जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि तय समय में हम सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के छात्रों को ये कार्ड बनाकर देंगे.

आधार और आयुष्मान कार्ड की तरह इसमें 12 अंकों का का यूनिक आईडी नंबर छात्र को जनरेट किया जाएगा. उस यूनिक नंबर के कार्ड को जब डेटा से जोड़ा जाएगा तो उसमें छात्र की पूरी एकेडमिक जानकारी एक जगह पर उपलब्ध हो जाएगी. क्लास वन से लेकर क्लास 12वीं तक के छात्रों का अपार कार्ड बनाया जा रहा है. छात्रों का डिजिटल डेटा एक जगह होने से उनको भविष्य में इसका बड़ा फायदा मिलेगा. प्रतियोगी परीक्षा या फिर हायर स्टडी के लिए जब छात्र जाएगा तो अपार कार्ड उनके लिए वरदान साबित होगा. छत्तीसगढ़ में भी तेजी से अपार आईडी कार्ड बनाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है. स्कूल के प्रधान पाठक और प्रचार्य इस काम में जुटे हैं.

 जानकार बताते हैं कि जिस तरह से बैंक लॉकर में हम अपनी कीमती चीजें रखते हैं, उसी तरह से ये डिजिटल लॉकर की तरह अपार कार्ड हमारे दस्तावेजों को सुरक्षित रखेगा. अपार कार्ड के जरिए हम भविष्य में अपने दस्तावेजों के खोने के डर से भी बचे रहेंगे. अपार कार्ड में परीक्षा की मार्कशीट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट जैसे अहम दस्तावेजों की जानकारी होगी. हायर स्टडी के लिए जब हम फार्म भरेंगे तो हमें सभी दस्तावेजों की कॉपी अटैच या अपलोड करने की जरुरत नहीं पड़ेगी. छात्र जैसे ही अपने अपार कार्ड की 12 अंकों की यूनिक आईडी सबमिट करेगा उसकी पूरी जानकारी सेकेंडों में अगले सोर्स तक पहुंच जाएगी. संस्थान और छात्र दोनों भविष्य में होने वाले फर्जीवाड़े से भी बचेंगे.

स्कूली छात्रों के पास होगी अपनी विशिष्ट पहचान संख्या- दरअसल, अपार कार्ड प्रत्येक विद्यार्थी के आधार संख्या पर आधारित होगा.  यह कार्ड विद्यार्थियों के स्थानांतरण में काम आएगा. इसके अलावा 18 साल पूरे होने पर उनके नाम से खुद मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए शामिल किया जा सकेगा. साथ ही स्कूली छात्रों के पास जल्द अपनी विशिष्ट पहचान संख्या होगी.

क्या है APAAR ID CARD

छात्रों के लिए डिजिटल लॉकर की तरह काम करेगा.

कार्ड में 12 अंकों का यूनिक नंबर आधार कार्ड की तरह होगा.

अपार कार्ड में क्लास 1 से लेकर 12 वीं तक के रिकार्ड दर्ज होंगे.

स्कूली छात्रों का पूरा एकेडमिक रिकार्ड इसमें दर्ज होगा.

हायर स्टडी के वक्त दस्तावेजों को लेकर चलने की जरुरत नहीं होगी.

कॉलेज में एडमिशन और नौकरी के वक्त ये बहुत काम आएगा.

हर छात्र को एक यूनिक नंबर अलॉट किया जाएगा.

वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी का है कांसेप्ट.

एकेडमिक डेटा को डिजिटल डेटा में कंवर्ट किया जाएगा.

APAAR ID Card बनाने के लिए आधार कार्ड जरुरी.

APAAR ID Card के जरिए एजुकेशनल डेटा की ट्रैकिंग होगी.

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