अखिलेश, यूसुफ पठान , ओवैसी, गिरिराज सिंह से शत्रुघ्न सिन्हा तक की किस्मत का आज होगा फैसला
भारत के 543 लोकसभा क्षेत्रों में से 284 के भाग्य का फैसला 19 और 26 अप्रैल और 7 मई को तीन चरणों के मतदान में पहले ही हो चुका है। आज, 13 मई को 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 96 अन्य सीटों पर मतदान पूरा हो जाएगा, जहां 1,717 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 19 अप्रैल से लेकर 1 जून तक सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए आज मतदान शुरू हो गया है। इस चरण में 10 राज्यों की 96 लोकसभा सीटों पर मतदाता 1717 प्रत्यशियों के लिए मतदान कर रहे हैं। पहले-दूसरे और तीसरे चरण के लिए मतदान हो चुका है। इस चरण में कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही एक पूर्व सीएम भी चुनावी मैदान में हैं। चौथे चरण के लिए सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। चौथे चरण के लिए एक सीट पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की औसत संख्या 18 है। जिन सीटों पर मतदान होना है, उनमें से कई सीटें ऐसी हैं जहां से दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर रही है। इनमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव, पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान और कीर्ति आजाद, अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा समेत कई केंद्रीय मंत्री और कई पूर्व मंत्री शामिल हैं। तेलंगाना के हैदराबाद में AIMIM उम्मीदवार, असदुद्दीन ओवासी ने कहा कि हर चुनाव 5 साल पहले जैसा नहीं हो सकता है. चुनौतियां अलग हैं, मुद्दे अलग हैं. यह हमारे देश में एक बहुत ही महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक संसदीय चुनाव है. एक अलग समझ और वे देश के लिए क्या चाहते हैं. चुनावों को हमेशा गंभीरता से लिया जाना चाहिए कि चाहे वह संसद का चुनाव है या पंचायत चुनाव.
गिरिराज सिंह: बिहार की बेगूसराय सीट से गिरिराज सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। ग्रामीण विकास और पंचायती राज्य मंत्री गिरिराज के सामने इस बार भाकपा के अवधेश कुमार राय हैं। 2019 में बेगूसराय सीट पर भाजपा के गिरिराज सिंह ने भाकपा के कन्हैया कुमार को हराया था।
पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद: दक्षिण बंगाल में स्थित बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट पर पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद टीएमसी के उम्मीदवार हैं। कीर्ति आजाद 1983 की विश्व विजेता क्रिकेट टीम का हिस्सा थे। उनके पिता भगवत झा आजाद बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस में रहने के बाद कीर्ति अब टीएमसी के नेता हैं। इस चुनाव में भाजपा ने यहां से प्रदेश अध्यक्ष रहे दिलीप घोष को उतारा है, जो पिछली बार मेदिनीपुर से सांसद थे। वहीं, भाकपा ने सुकृति घोषाल को अपना चेहरा बनाया है। बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट पर पिछला मुकाबला कांटे का रहा था और हार-जीत महज 2439 वोटों से तय हुई थी। पिछली बार यहां से भाजपा के एसएस अहलूवालिया जीते थे। जो इस बार आसनसोल से उम्मीदवार हैं।
असदुद्दीन ओवैसी: इस लोकसभा चुनाव में हॉट सीटों की सूची में हैदराबाद भी शामिल है। यहां के सियासी मुकाबले की चर्चा खूब हो रही है। चार बार के सांसद और एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के सामने अपना किला बचाने की चुनौती होगी। इस बार उनका सीधा मुकाबला भाजपा की डॉ. माधवी लता से है। वह हाल ही में राजनीति में आई हैं। इस सीट पर ओवैसी के सामने कांग्रेस ने जिलाध्यक्ष मो. वलीउल्लाह समीर को उतारा है। बीआरएस से जी. श्रीनिवास यादव प्रत्याशी हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में हैदराबाद सीट पर असदुद्दीन ओवैसी को जीत मिली थी।
साक्षी महाराज: अपने बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले साक्षी महाराज एक बार फिर उत्तर प्रदेश की उन्नाव सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं। उनके सामने कांग्रेस छोड़कर सपा में आईं अन्नू टंडन प्रत्याशी हैं। अन्नू टंडन सांसद रह चुकी हैं। बसपा के टिकट पर अशोक पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में साक्षी महाराज ने जीत का परचम लहराया था।
शत्रुघ्न सिन्हा: बिहारी बाबू के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से टीएमसी के उम्मीदवार हैं। श्रमिक और झारखंड और बिहार के प्रवासी मतदाताओं की बहुलता वाली इस सीट पर 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। पिछले चुनाव में यहां से गायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो भाजपा के टिकट पर जीते थे। उस चुनाव में यहां 70.8% मतदान हुआ था। सुप्रियो ने बाद में सांसदी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह टीएमसी में शामिल हो गए। इसके बाद हुए उप चुनाव में यहां से टीएमसी के टिकट पर शत्रुघ्न सिन्हा ने जीत दर्ज की थी।
अखिलेश यादव: उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट इस चुनाव में एक चर्चित सीट बनी हुई है। कन्नौज लोकसभा सीट से सपा की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनाव मैदान में हैं। यहां से भाजपा के सुब्रत पाठक अभी मौजूदा सांसद हैं। इस चुनाव में अखिलेश के सामने भाजपा से सुब्रत पाठक और बसपा से इमरान बिन जफर हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट पर भाजपा से सुबत पाठक जीते थे। तब उन्होंने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था।
नित्यानंद राय: मसालों के उत्पादन के लिए मशहूर बिहार के उजियारपुर से नित्यानंद राय चुनाव मैदान में हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहे नित्यानंद मोदी सरकार में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हैं। उनके सामने राजद नेता और पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता हैं। 2019 में उजियारपुर सीट पर भाजपा के टिकट पर नित्यानंद राय को जीत मिली थी।
ललन सिंह: बिहार में चौथे चरण में मुंगेर लोकसभा सीट पर भी मतदान है। मुंगेर लोकसभा के एनडीए प्रत्याशी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह हैं। जदयू के पूर्व अध्यक्ष ललन के सामने कुमारी अनीता राजद की उम्मीदवार हैं। 2019 में मुंगेर सीट पर जदयू के ललन सिंह ने सफलता हासिल की थी। उस चुनाव में यहां 55.9% मतदान हुआ था।
अधीर रंजन चौधरी बनाम यूसुफ पठान: इस चुनाव में पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट का मुकाबला भी दिलचस्प है। यहां कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी एक बार फिर मैदान में हैं। वहीं, टीएमसी ने अधीर के सामने पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतारा है। दूसरी ओर भाजपा ने डॉक्टर निर्मल कुमार साहा को मैदान में उतारा है। बीते 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में कांग्रेस के खाते में दो सीटें गई थीं जिनमें बहरामपुर भी शामिल थी। कांग्रेस की तरफ से अधीर रंजन चौधरी को जीत मिली थी। उस चुनाव में बहरामपुर सीट पर 75.2% मतदान हुआ था।
कांतिलाल भूरिया: मध्य प्रदेश की रतलाम सीट से कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया को अपना चेहरा बनाया है। भूरिया का मुकाबला भाजपा की अनिता नागर सिंह चौहान से है। पिछले चुनाव में रतलाम सीट पर भाजपा के गुमान सिंह डामोर ने जीत दर्ज की थी।
महुआ मोइत्रा बनाम अमृता रॉय: 2024 लोकसभा चुनाव में कई ऐसे नाम हैं, जिनका ताल्लुक राजघरानों से है। इस सूची में एक नाम अमृता रॉय का भी है। कृष्णानगर शाही परिवार की सदस्य अमृता रॉय लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। अमृता को भाजपा ने कृष्णानगर से अपना उम्मीदवार बनाया है, जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुई थीं। शाही उम्मीदवार का सामना तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और माकपा की एसएम सादी से है। अपने भाषणों के लिए सुर्खियों में रहने वाली महुआ पिछले दिनों कैश-फॉर-क्वेरी केस में चर्चा में रही हैं। यहां तक की उनकी संसद सदस्यता तक चली गई थी। आरोपों के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस नेता प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रही हैं। पिछले चुनाव में कृष्णानगर सीट पर तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा को यहां से जीत मिली थी। उस चुनाव में यहां 77.4% लोगों ने वोट किया था।
जी. किशन रेड्डी: तेलंगाना की चर्चित सीट सिकंदराबाद से जी. किशन रेड्डी चुनाव लड़ रहे हैं। रेड्डी केंद्र सरकार में संस्कृति, पर्यटन और विकास मंत्री के साथ-साथ तेलंगाना भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। इस चुनाव में जी. किशन रेड्डी के सामने कांग्रेस से दानम नागेंद्र और बीआरएस से टी. पद्म राव हैं। 2019 में सिकंदराबाद सीट पर भाजपा के जी. किशन रेड्डी को जीत मिली थी। उस चुनाव में यहां 48.9% मतदान हुआ था।
वाईएस शर्मिला: इस लोकसभा चुनाव कई सीटों पर परिवार के सदस्य ही आमने-सामने हैं। आंध्र प्रदेश की कडप्पा लोकसभा सीट पर भी परिवार वालों के बीच सियासी भिड़ंत है। कांग्रेस ने वाईएस शर्मिला को अपने पारिवारिक गढ़ कडप्पा सीट से उम्मीदवार बनाया है। शर्मिला आंध्र प्रदेश कांग्रेस इकाई की प्रमुख हैं। वह कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। इस चुनाव में शर्मिला का मुकाबला चचेरे भाई वाईएस अविनाश रेड्डी से है। अविनाश रेड्डी को वाईएसआर कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। वहीं एनडीए गठबंधन से टीडीपी के चदीपिरल्ला भूपेश सुब्बारामी रेड्डी उम्मीदवार हैं। 2019 में कडप्पा सीट पर अविनाश रेड्डी को जीत मिली थी। वाईएसआर की तरफ से उतरे अविनाश ने टीडीपी के आदि नारायणा रेड्डी को शिकस्त दी थी। उस चुनाव में यहां 93.7% वोटिंग दर्ज की गई थी।
किरण कुमार रेड्डी: अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे एन किरण कुमार रेड्डी की किस्मत भी इस चुनाव में दांव पर है। राजमपेट लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में वह लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। 2014 में हारने के बाद किरण कुमार राजनीति से दूर हो गए। हालांकि, अचानक वह भाजपा में आए और अब राजमपेट लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। किरण कुमार के सामने पुंगनूर से विधायक पेद्दीरेड्डी रामचंद्र रेड्डी के बेटे पीवी मिधुन रेड्डी वाईएसआर कांग्रेस उम्मीदवार हैं। वहीं कांग्रेस ने शेख बशीद को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर 2019 में वाईएसआर कांग्रेस के मिधुन रेड्डी ने जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में यहां 88.6% वोटिंग हुई थी।