96 सीटों पर मतदान कल, ओवैसी, अखिलेश, युशुफ पठान के साथ कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर - CGKIRAN

96 सीटों पर मतदान कल, ओवैसी, अखिलेश, युशुफ पठान के साथ कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर


2024 लोकसभा चुनाव के चौथा चरण सोमवार (13 मई) को 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 96 सीटों पर वोटिंग होगी।देश में 18वीं लोकसभा के लिए सात चरणों में चुनाव कराया जा रहा है। तीन चरण में मतदान हो चुका है। चौथ चरण का मतदान 13 मई 2024 को होना है। इसमें 10 राज्यों की 96 सीटों पर वोटिंग होगी। इस दौरान मतदाता 1717 प्रत्याशियों की किस्?मत का फैसला करेंगे।  इस चरण में देश के दो सबसे अमीर प्रत्याशी मैदान में हैं। आंध्र प्रदेश के गुंटूर से TDP प्रत्याशी के पास 5,705 करोड़ रुपए और तेलंगाना की चेवेल्ल सीट से भाजपा प्रत्याशी के पास 4,568 करोड़ रुपए की संपत्ति है। 543 लोकसभा सीटों में तीसरे फेज तक 284 सीटों पर मतदान हो गया है। 13 मई तक कुल 380 सीटों पर मतदान पूरा हो जाएगा। बाकी 3 चरणों में 163 सीटों पर मतदान होगा।

चुनाव आयोग के मुताबिक इलेक्शन के चौथे चरण में कुल 1,717 कैंडिडेट्स मैदान में हैं, जिनमें 1,540 पुरुष और 170 महिला उम्मीदवार हैं। इनमें महिलाएं केवल 10 प्रतिशत हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म के मुताबिक, इस फेज के 1,710 उम्मीदवारों में से 21 प्रतिशत यानी 360 उम्मीदवार पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 476 यानी 28 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं। इनके पास एक करोड़ या उससे ज्यादा की संपत्ति है। 24 ने अपनी संपत्ति शून्य बताई है।

चौथे चरण की हॉट सीटों पर एक नजर...

कन्नौज, यूपी

उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 12 साल बाद चुनाव मैदान में हैं। उनके सामने भाजपा के टिकट पर मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक हैं। कन्नौज सीट सपा का गढ़ मानी जाती है। साल 1999 से 2019 तक हुए 7 लोकसभा चुनाव में से 6 बार यहां यादव परिवार का कब्जा रहा है। मुलायम ने इस सीट को जीतने के बाद इसे बेटे के लिए छोड़ दिया। इसके बाद अखिलेश 3 बार यहां से सांसद बने। जब अखिलेश यूपी के सीएम बन गए, तब उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल को यह सीट सौंप दी। डिंपल यहां से दो बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं। 2019 में डिंपल सिर्फ 12,353 वोटों से हारी थीं। अखिलेश अब दोबारा इस सीट को बीजेपी के खाते में नहीं जाने देना चाहते हैं।

 हैदराबाद, तेलंगाना

तेलंगाना की हैदराबाद सीट पर AIMIM  चीफ असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भाजपा ने माधवी लता को उतारा है। इस सीट पर करीब 60 फीसदी मुसलमान तो करीब 40 फीसदी हिंदू आबादी है। इस हैदराबाद सीट पर 1984 से AIMIM  लगातार जीतती आ रही है। हैदराबाद सीट पर असदुद्दीन ओवैसी के पिता दिवंगत सलाहुद्दीन ओवैसी 1984 से 1999 तक लगातार 6 चुनाव जीते। इसके बाद 2004 से लेकर 2019 तक लगातार 4 बार से असदुद्दीन ओवैसी यहां से जीत रहे हैं। कुल मिलाकर 10 बार से लगातार इस सीट पर ओवैसी परिवार का कब्जा है।

खूंटी, झारखंड

झारखंड की खूंटी लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 के चुनाव में वे काफी कम 1445 वोटों के अंतर से जीते थे। अर्जुन मुंडा के खिलाफ इस बार कांग्रेस ने मौजूदा विधायक काली चरण मुंडा को प्रत्याशी बनाया है। उनके भाई नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा के स्थानीय विधायक हैं।

कृष्णानगर, पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से TMC ने महुआ मोइत्रा को लगातार दूसरी बार मैदान में उतारा है। 8 दिसंबर 2023 को कैश-फॉर-क्वेरी मामले में उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। महुआ को पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में दोषी पाया गया था। महुआ के खिलाफ भाजपा ने अमृता राय को टिकट दिया है। इस सीट पर साल 2019 के चुनाव में महुआ ने BJP के कल्याण चौबे को 63,218 वोटों से हराया था। वहीं, साल 2014 में TMC के तापस पाल ने CPM प्रत्याशी के शांतनु झा को हराया था।

बहरामपुर, पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के बड़े नेता अधीर रंजन चौधरी चुनाव मैदान में हैं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने क्रिकेटर यूसुफ पठान पर दांव लगाया है। भाजपा के टिकट पर निर्मल कुमार साहा उतरे हैं। इस सीट पर 1999 से अब तक कांग्रेस के अधीर चौधरी ने लगातार चार बार जीत हासिल की है।  2019 के चुनाव में उन्होंने टीएमसी की अपूर्वा सरकार को 80 हजार वोटों से हराया था। बहरामपुर सीट पर 52 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, लेकिन आज तक एक भी मुस्लिम सांसद चुनाव जीत कर लोकसभा में नहीं पहुंचा है।

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