रायपुर लोकसभा- बीजेपी का अभेद्य गढ़ में जमीन तलाश रही कांग्रेस - CGKIRAN

रायपुर लोकसभा- बीजेपी का अभेद्य गढ़ में जमीन तलाश रही कांग्रेस


लोकसभा चुनाव छत्तीसगढ़ में 3 चरणों में होना है जिसमें पहले चरण और दूसरे चरण का चुनाव खत्म हो गया है। सभी दल अपने अपने जीत के दावे कर रहे है। पर छत्तीसगढ़ की राजधानी और प्रदेश में अहम माने जाने वाले रायपुर लोकसभा का चुनाव दोनों ही दलों के लिए महत्वपूर्ण है। रायपुर लोकसभा सीट छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण सीटों में से एक मानी जाती है। बता दें कि रायपुर लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ रहा है। यह भाजपा का अभेद्य किला है। भाजपा ने इस सीट पर 8 बार विजयश्री हासिल की है। बीजेपी के दिग्गज नेता रमेश बैस सात बार इस सीट से सांसद रह चुके हैं। वर्तमान में बीजेपी के सुनील सोनी सासंद हैं। लेकिन पार्टी ने इस बार मौजूदा सांसद को छोड़कर वर्तमान सरकार में मंत्री रहे बृजमोहन अग्रवाल को अपना उम्मीद्वार बनाया है। बृजमोहन अग्रवाल भाजपा के कद्दावर नेता है साथ ही साथ वह अभी तक एक भी चुनाव नहीं हारे है। यहां पर कांग्रेस को अपनी जमीन तलाशने के लिए लगातार मेहनत कर रही है। उसे हर बार अलग-अलग चेहरे चुनावी मैदान में उतारने पड़ रहे हैं। दूसरी ओर बीजेपी को यह सीट बरकरार रखने की चुनौती है। रायपुर लोकसभा सीट की नौ विधानसभा सीटों में प्रचार चरम पर है। इस बार पार्टी ने सीटिंग एमपी सुनीली सोनी का टिकट काटकर मौजूदा स्कूल शिक्षा मंत्री और 8 बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल को चुनावी रण में उतारा है। दूसरी कांग्रेस ने इस बार के विधानसभा चुनाव में रायपुर पश्चिम से विधायकी का चुनाव हार चुके विकास उपाध्याय को प्रत्याशी बनाया है। 

रायपुर लोकसभा सीट का दिलचस्प इतिहास रहा है। पिछले 20 साल से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। साल 1952 से 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है। बाकी के कुछ सालों को छोड़ दें तो यह सीट बीजेपी के कब्जे में रही है। करीब तीन दशक से इस सीट पर बीजेपी आसीन है। साल 1996 से 2019 तक रमेश बैस लगातार सांसद रहे। लोकसभा चुनाव 2024 में रमेश बैस ने कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा को शिकस्त दी थी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सुनील कुमार सोनी ने जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद दुबे को हराया था। 

 बृजमोहन अग्रवाल अविभाजित मध्य प्रदेश में पटवा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इसके बाद वो रमन सरकार के तीनों कार्यकाल में मंत्री रहे।  बृजमोहन अग्रवाल रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से लगातार विधायकी का चुनाव जीतते आ रहे हैं। हर बार मंत्री पद पर आसीन रहे हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ बीजेपी की राजनीति में संकटमोचन कहा जाता है। मध्य प्रदेश विधानसभा में उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार भी मिल चुका है। 1984 में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली। फिर 1988 से 1990 तक वे भाजयुमो के युवा मंत्री रहे। साल 1990 में पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायक के लिये निर्वाचित हुए। उस दौरान वो राज्य के सबसे युवा विधायक थे। इसके बाद वे लगातार साल 1993, 1998, 2003, 2008, 2013 2018 और 2023 में विधायक बने। 

वहीं विकास उपाध्याय पहली बार रायपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वर्ष 2018 में वो पहली बार रायपुर पश्चिम से विधायक बने। तीन बार के बीजेपी विधायक रहे राजेश मूणत को हराया था। विधानसभा चुनाव 2023 में राजेश मूणत ने उन्हें हराकर इस सीट पर कब्जा कर लिया।

Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads