छत्तीसगढ़ के सात सीटों पर महामुकाबला, रायपुर में सबसे ज्यादा 38 उम्मीदवार
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का चुनावी प्रचार अब थम गया है। अब सभी राजनीतिक दल डोर टू डोर प्रचार कर सकते हैं. छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण के चुनाव प्रचार में सियासी पारा बेहद गर्म रहा. तीसरे दौर के प्रचार में बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से दिग्गज नेताओं ने ताल ठोकी. यहां अनेक मुद्दे छाये रहे जैसे भ्रष्टाचार, संविधान में बदलाव, कोटा छीनने, विरासत पर कर, उद्योगपतियों का समर्थन, चुनावी बॉन्ड, जाति सर्वे, किसानों की ऋणमाफी, बेरोजगारी, महंगाई और नक्सलवाद आदि. भाजपा- और कांगे्रस में पोस्टर वार भी देखने मिला। छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव में जीन सात सीटों पर चुनाव होना है. उनमें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर चांपा, रायगढ़ और सरगुजा सीटें शामिल हैं. जिन सात सीटों पर 7 मई को मतदान होगा, उनमें 168 उम्मीदवार चुनावी लड़ाई में हैं. सभी सात सीटों पर मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक है. रायपुर में सबसे ज्यादा 38 उम्मीदवार हैं, इसके बाद बिलासपुर में 37, कोरबा में 27 उम्मीदवार हैं. दुर्ग में 25, जांजगीर-चांपा में 18, रायगढ़ में 13 और सरगुजा में 10 उम्मीदवार हैं.
रायपुर लोकसभा सीट- रायपुर लोकसभा सीट सबसे हाई प्रोफाइल सीट है. इस सीट पर बीजेपी के बृजमोहन अग्रवाल का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय से है. बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं. जबकि विकास उपाध्याय कांग्रेस के युवा और तेज तर्रार नेताओं मे से एक हैं.
कोरबा लोकसभा सीट- कोरबा लोकसभा सीट पर बीजेपी की सरोज पांडे का मुकाबला कांग्रेस की ज्योत्सना महंत से है. कोरबा में भाजपा ने महिला नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडे को नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की पत्नी और कांग्रेस की मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत के खिलाफ मैदान में उतारा है. कोरबा में दोनों ही महिला प्रत्याशी मैदान में हैं. यहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है.
दुर्ग लोकसभा सीट- दुर्ग लोकसभा सीट के दंगल की बात करें तो यहां बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने युवा नेता राजेंद्र साहू को मैदान में उतारा है. यहां ओबीसी वोट बैंक सबसे ज्यादा निर्णायक स्थिति में है.
बिलासपुर लोकसभा सीट - बिलासपुर लोकसभा सीट की बात करें तो बिलासपुर के दंगल में बीजेपी ने तोखन साहू पर भरोसा जताया. तोखन साहू के खिलाफ काग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक देवेंद्र यादव को मैदान में उतारा है. देवेंद्र यादव भिलाई से कांग्रेस के विधायक हैं.
रायगढ़ लोकसभा सीट - रायगढ़ के रण की बात करे तो यहां बीजेपी के राधेश्याम राठिया चुनावी ताल ठोक रहे हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस की तरफ से डॉक्टर मेनका देवी सिंह मैदान में है. मेनका देवी सिंह शाही परिवार से आती हैं.
जांजगीर चांपा लोकसभा सीट- जांजगीर चांपा लोकसभा सीट एससी आरक्षित सीट है. यहां से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री शिव डहरिया को मैदान में उतारा है. जबकि भाजपा की तरफ से महिला नेता कमलेश जांगड़े चुनावी जंग में हैं.
सरगुजा लोकसभा सीट- सरगुजा लोकसभा सीट पर बीजेपी के चिंतामणि महाराज और कांग्रेस की शशि सिंह के बीच टक्कर है. चिंतामणि महाराज 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था. जबकि शशि सिंह को राहुल गांधी कैंप का लीडर माना जाता है.
यदि छत्तीसगढ़ के बीते लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो छत्तीसगढ़ में साल 2004, 2009 और 2014 में बीजेपी ने 11 में से 10 सीटें जीती थी. जबकि साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 11 सीटों में से 9 सीटें जीती थी. कांग्रेस को दो सीटों कोरबा और बस्तर पर जीत मिली थी.इस बार भाजपा सभी सीटों पर विजय तिलक लगाने को है तो वहीं कांगे्रस अपनी सीटें बढ़ाने में लगी हुई है। भाजपा इस बार 400 पार का नारा दे रही है तो वहीं कांगे्रस उसे 150 सीटों पर सिमटने की बात कह रही है। ये सब कयास लगाने की बाते है अभी जनता का मुड क्या है यह 4 जून को पता चलेगा।