कांग्रेस इस बार भाजपा पर पड़ेगा भारी या मोदी लहर में बह जायेगी कांग्रेस ...
लोकसभा का चुनावी दंगल...
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। भारत भर में विभिन्न राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अपनी पार्टी का अभियान भी शुरू कर दिया है। चुनाव प्रचार चरम सीमा पर पहुंच चुका है सभी दल अपनी अपनी जीत की दावा कर रहे है। लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून के बीच सात चरणों में होंगे। लोकसभा चुनाव का रिजल्ट 4 जून 2024 को घोषित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटें हैं और भाजपा ने 2019 में 11 में से 9 सीटें जीती थीं. पार्टी को इस बार प्रदर्शन और बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है. छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव में किसान, आदिवासी,युवा, महिलओं और रोजगार से संबंधित मुद्दों के हावी रहने की संभावना है. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने महतारी वंदन योजना लागू कर जीत आसान कर ली थी और परिणाम भी उसी के पक्ष में आये। इस बार विधानसभा की तरह लोकसभा में भी बीजेपी मोदी की गारंटी और महतारी वंदन योजना को भुनाने में लगे हुए है। वहीं कांग्रेस बीजेपी की तरह महिलाओं को साधने के लिए प्रति वर्ष महिलाओं को एक-एक लाख रूपये देने की वादा कर रही है जिससे कांग्रेस सत्ता में काबिज हो सके और इसके लिए फार्म भरवाना भी प्रारंभ कर दिया है। छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटों में जांजगीर-चांपा को छोड़कर 10 सीटों पर विधानसभा चुनाव 2023 में जीत मिलने के बाद भाजपा मजबूत स्थिति में पहुंच गई है। इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में 68 सीटों के साथ सत्ता में आने वाली कांग्रेस पार्टी के खाते में 2019 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 2 सीटें ही गई थी और शेष 9 सीटों पर भाजपा का कब्जा था। कहा जा रहा था कि कांगे्रस के इतनी बड़ी जीत से लोकसभा की स्थिति बदलेगी पर ऐसा हो ना सका और लोकसभा में कांग्रेस सिर्फ 2 सीटों पर ही सिमट कर रह गयी। स्थिति तो यह है कि लोकसभा चुनावों में अब तक भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा है और जहां से कांग्रेस ने अधिकांश विधानसभा सीटें जीती हैं वहां से भी भाजपा को लोकसभा चुनाव में वोट मिलते रहे हैं। और कांग्रेस के सरकार रहने के बाद भी लोकसभा में कांगे्रस का वोट प्रतिशत बढ़ नहीं पाया।
यदि बात करें छत्तीसगढ़ की बड़ी लोकसभा सीट की तों रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग, सरगुजा, बस्तर में भाजपा पिछले लोकसभा की अपेक्षा मजबूत हुई है। बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र की 8 में से भाजपा ने 6 सीटों में वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। इसी प्रकार रायपुर की सभी 8 सीटों, दुर्ग की 9 में से 7 सीटों और बस्तर की 8 में से 5 बड़ी सीटों और कोरबा की 8 में से 6 बड़ी सीटों पर भाजपा को मतों के बड़े अंतर से जीत मिली है। वहीं शेष लोकसभा क्षेत्रों में भी कांग्रेस के वोट बैंक की अपेक्षा भाजपा के वोट बैंक में बढ़ोतरी हुई है। यदि यह विधानसभा की वोट प्रतिशत पर विचार करें तो लगता है कि इस बार भी बीजेपी बाजी मार लेगी लेकिन कांगे्रस भी लोकसभा चुनाव में कोई कसर नहीं छोडऩा चाह रही है। विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा के पास 54 और कांग्रेस के पास हैं 35 सीटें। पिछले 4 लोकसभा चुनावों में प्रदेश की 11 सीटों में से 9 से अधिक फीसदी सीटों पर भाजपा का ही कब्जा रहा है। 2004, 2009, 2014 के चुनावों में भाजपा ने जहां 10-10 सीटें जीती थी। वहीं 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के कारण पिछले 15 वर्षों में यहां से पहली बार 2 लोकसभा सीटें कोरबा और बस्तर कांग्रेस ने जीती थी। लेकिन 2023 विधानसभा चुनावों के नतीजों में कांग्रेस की अपेक्षा भाजपा का वोट बैंक बढऩे के साथ-साथ विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के प्रत्याशी मतों के बड़े अंतर से जीते हैं। वहीं कांग्रेस के विधायक जिन लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों से जीते हैं वहां वोटों का अंतर कम है। यानि चुनाव में हारने वाले भाजपा के प्रत्याशियों को मिले मतों से कुछ अंतर से ही कांग्रेस प्रत्याशी जीते हैं। वहीं भाजपा के 70 फीसदी प्रत्याशी बड़े अंतर से जीतने में सफल हुए हैं।
प्रदेश की एकमात्र लोकसभा सीट जांजगीर-चांपा में आने वाली सभी 8 विधानसभा सीटों में कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इनमें जांजगीर विधानसभा सीट से सबसे कम 6971 मतों से कांग्रेस को जीत मिली है, लेकिन शेष 7 सीटों में कांग्रेस प्रत्याशी 16 हजार से लेकर 33 हजार मतों के अंतर से जीत दर्ज किए हैं, यानि यहां भाजपा के मुकाबले कांग्रेस का वोट बैंक मजबूत हुआ है। तो कहा जा सकता है कि वहां कांटे की टक्कर होगी। महासमुंद और कांकेर में कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। प्रदेश के सभी लोकसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के साथ जनता से सीधे जुड़कर काम किया जा रहा है।
वाराणसी में पीएम मोदी के सामने अजय राय
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए 45 उम्मीदवारों की अपनी चौथी सूची में उत्तर प्रदेश के वाराणसी से अजय राय को टिकट दी है। वहीं भाजपा ने अपनी पहली लिस्ट में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी से उम्मीदवार बनाया। अजय राय ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में वाराणसी संसदीय क्षेत्र से पीएम मोदी को चुनौती दी थी लेकिन दोनों बार हार गए थे।
गांधीनगर में अमित शाह के सामने सोनल पटेल
कांग्रेस ने 20 मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए अपने 57 उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में कांग्रेस ने गुजरात के गांधीनगर से सोनल पटेल को मैदान में उतारा है। सोनल पटेल महाराष्ट्र की कांग्रेस सह-प्रभारी हैं और गुजरात महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष हैं। सोनल पटेल के पिता रमनभाई पटेल भी कांग्रेस के बड़े नेता थे। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट में ही गांधीनगर से गृह मंत्री अमित शाह को मैदान में उतारा है। यह सीट राजनीतिक मायने से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में संतोष पांडेय के सामने भूपेश बघेल
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के शंखनाद के साथ ही अपने उम्मीदवारों की पहली सूची में छत्तीसगढ़ की सभी सीटों पर नाम का एलान कर दिया था। भाजपा ने राजनांदगांव-कबीरधाम लोकसभा सीट से संतोष पांडेय को उम्मीदवार बनाया है। संतोष पांडेय कवर्धा के रहने वाले हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में संतोष पांडेय ने राजनांदगांव से जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस ने भी 8 मार्च को अपनी पहली लिस्ट में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव निर्वाचन क्षेत्र से आगामी लोकसभा चुनाव का टिकट दिया। भूपेश बघेल की पाटन निर्वाचन क्षेत्र में मजबूत पकड़ है। यहां से वह कई बार विधानसभा चुनाव जीते हैं।