छत्तीसगढ़ में शुरू हुई रामलला दर्शन योजना, पीएम की एक और गारंटी पर लगी मुहर
धार्मिक नगरी अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रही है। छत्तीसगढ़ में आज हुई साय कैबिनेट की बैठक में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कैबिनेट की इस बैठक में प्रदेश के दोनों उपमुख़्यमंत्रियों समेत सभी कैबिनेट मंत्री उपस्थित रहे। कैबिनेट की इस बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। जिसमें से एक अयोध्या दर्शन कराने का निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से प्रदेशवासियों को श्रीरामलला के दर्शन कराने के लिए अयोध्या ले जाने की घोषणा की गई है। जिसके परिपालन में ये योजना शुरू की जा रही है। डिप्टी CM अरुण साव ने कहा, कि मोदी की गारंटी पूरा करने का सिलसिला चल रहा है। हमने अयोध्या दर्शन कराने का वादा किया था उसमें निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश वासियों को अयोध्या ले जाने योजना शुरू की है। डिप्टी CM ने बताया कि पर्यटन विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी है। प्रथम चरण में 55 वर्ष से अधिक की आयु को अयोध्या ले जाएंगे, उसके बाद दूसरे उम्र के लोगों को ले जाया जाएगा। इस योजना के तहत हर साल लगभग 20 हजार यात्रियों को अयोध्या यात्रा पर ले जाया जाएगा।
बता दें कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में होने वाले नए भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जोरो शोरो से तैयारियां की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित देश और विदेश से लाखों रामभक्त राम मंदिर के उद्घाटन अवसर पर अयोध्या पहुंचेंगे।
ये हैं नियम
छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी, 18 से 75 आयु वर्ग के जो जिला मेडिकल बोर्ड की ओर से स्वास्थ्य परीक्षण में सक्षम पाए जाएंगे, उन्हें यात्रा की पात्रता होगी। दिव्यांगजनों के लिए यथासंभव उनके परिवार से कोई एक सदस्य साथ में रहेंगे। प्रथम चरण में 55 वर्ष से ऊपर के यात्रियों को यह सुविधा उपलब्ध होगी। इसके बाद अन्य आयु वर्ग के लोगों को भी यह सुविधा मिलेगी। प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में श्रीरामलला दर्शन समिति बनायी जाएगी। प्रत्येक समिति की ओर से अनुपातिक कोटा के अनुसार हितग्राहियों का चयन किया जाएगा।
इस यात्रा की दूरी लगभग 900 किलोमीटर होगी। इसके लिए भारतीय रेल्वे केटरिंग एवं टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के साथ छत्तीसगढ़ मण्डल से एमओयू किया जाएगा। आईआरसीटीसी की ओर से यात्रा के दौरान यात्रियों को सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, स्थलों के दर्शन, स्थानीय परिवहन और एस्कार्ट की व्यवस्था की जाएगी। हितग्राहियों को उनके निवास से निर्धारित रेलवे स्टेशन तक लाने एवं वापस ले जाने की व्यवस्था संबंधित जिला कलेक्टर की ओर से जाएगी। इसके लिए उन्हें बजट उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक जिले से यात्रियों के साथ एक सक्षम शासकीय अधिकारी अथवा एक छोटा दल भेजा जाएगा।
यात्री दुर्ग-रायपुर, रायगढ़ एवं अंबिकापुर से रेल द्वारा गन्तव्य स्थल के लिए रवाना होंगे। यात्रा का मूल गन्तव्य अयोध्या धाम रहेगा। इसके अलावा वाराणसी में एक दिन का रात्रि विश्राम, काशी विश्वनाथ मंदिर एवं कॉरीडोर और गंगा आरती का दर्शन का लाभ भी यात्रियों को मिल सकेगा। वर्तमान में आईआरसीटीसी की ओर से प्रत्येक सप्ताह में एक ट्रेन उपलब्ध करायी जाएगी। भविष्य में ट्रेन की उपलब्धता अनुसार यात्रियों की संख्या में वृद्धि की जा सकेगी।